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तेज रफ्तार से विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं सैनी
एक समय था जब भारत में मीडियम पेसर तो बहुत थे, लेकिन ऐसे कम ही गेंदबाज थे। जिनकों सही मायने में तेज गेंदबाज कहा जा सके। फिर वो दौर भी आया जब भारतीय टीम में उमेश यादव, वरूण एरॉन, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज आये। ये आज के दौर के ऐसे गेंदबाज है, जिन्हें पिच से मदद न मिले तब ये विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं। लंबे ऊंचे कद के नवदीप सैनी लगातार 150 की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं। रफ्तार के मामले में नवदीप उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह से भी दो कदम आगे हैं। नवदीप अपनी तेज गेंदबाजी से दुनिया के अच्छे से अच्छे बल्लेबाज पर अंकुश लगाने की क्षमता रखते हैं।
टेनिस बॉल से खेलते थे नवदीप सैनी
नवदीप सैनी को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में लाने का श्रेय भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को जाता है। 2013 में नवदीप सैनी पर जब गौतम गंभीर की नजर पड़ी, तब वो 250-300 रुपये के लिए टेनिस बॉल से मैच खेलते थे। गंभीर के कहने पर एक दिन नवदीप सैनी रोशनआरा क्लब पहुंचे। गौतम गंभीर पहले ही ठान चुके थे कि मुझे नवदीप को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान दिलानी है। गौतम ने नवदीप के हाथ में बॉल थमाते हुए उन्हें गेंदबाजी करने का इशारा किया। जिस नवदीप ने कभी लेदर बॉल को छुआ तक नहीं था, आज उनको टीम इंडिया के जाने-माने बल्लेबाज गौतम गंभीर के सामने गेंदबाजी करनी थी। हाथ में लेदर बॉल थामे नवदीप सैनी की भावनाओं को समझते हुए गंभीर ने उनसे कहा कि तुम ऐसे ही गेंदबाजी करो जैसे टेनिस बॉल से करते हो। तुम अच्छी गेंदबाजी कर सकते हो।
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दिल्ली टीम में लाने के लिए चयनकर्ताओं से भिड़ गए थे गंभीर
नवदीप सैनी को दिल्ली की रणजी टीम जगह दिलाने के लिए गौतम गंभीर ने डीडीसीए अधिकारियों और चयनकर्ताओं से बात की। चयनकर्ता ये मानने को तैयार नहीं थे कि कैसे वो एक ऐसे खिलाड़ी को रणजी टीम में चुनें, जिसने कभी लेदर बॉल से क्रिकेट नहीं खेला है। गौतम गंभीर अपने जिद पर अड़े रहे और आखिर में नवदीप सैनी का दिल्ली की टीम में चयन कराया। दिल्ली की टीम में चुने जाने के बाद नवदीप ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज नवदीप रणजी में दिल्ली और आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के प्रमुख गेंदबाज हैं।
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नवदीप सैनी गंभीर को देते हैं अपनी कामयाबी का श्रेय
मूल रूप के हरियाणा के करनाल के नवदीप गौतम गंभीर को अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने की सबसे बड़ी वजह मानते हैं। एक इंटरव्यू में नवदीप सैनी ने कहा था कि आज मैं जो भी हूं, सब गौतम भैया की बदौलत हूं। इनके साथ के कारण ही मैं आज यहां तक पहुंचा हूं। नवदीप ने कहा कि जब भी कोई मुश्किल आई उन्होंने मुझे गेंदबाजी करने के लिए प्रेरित किया। और हर समस्या को दूर कर दिया। नवदीप सैनी के परिवार का देश की आजादी की लड़ाई में योगदान रहा है। उनके दादा करम सिंह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में ड्राइवर थे।