
दमोह. जिले में आवारा मवेशियों की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। हाईवे से लेकर शहर की मुख्य सड़कों तक मवेशियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। प्रशासन द्वारा इन्हे गोशालाओं में भेजने के आदेश भले ही कई बार जारी किए गए हों, लेकिन अमल के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है।
कलेक्टर सुधीर कोचर ने बीते एक वर्ष में कई बार नगरपालिका और पंचायतों को निर्देशित किया कि आवारा मवेशियों को सड़कों से हटाया जाए, लेकिन हालात यह हैं कि जिले के प्रमुख हाईवे कटनी, सागर, जबलपुर और छतरपुर मार्गों पर मवेशियों की संख्या पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। झुंड में बैठे या चलते ये मवेशी वाहन चालकों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
बता दें कि रात के समय यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि अंधेरे में मवेशी नजर नहीं आते और इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। हाईवे से हर रोज हजारों वाहन गुजरते हैं, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई के अभाव में स्थिति बेकाबू होती जा रही है। स्थानीय नागरिकों में मोंटी रैकवार, अभिषेक जैन, शंकर, जयकिशन ने मांग की है कि हाईवे और मुख्य मार्गों पर विशेष अभियान चलाकर मवेशियों को हटाया जाए और उनकी देखरेख के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।
इधर, शहर की सड़कों पर भी मवेशियों का कब्जाआवारा मवेशियों की मौजूदगी को लेकर शहर की स्थिति भी अलग नहीं है। बाजार, चौराहों और रहवासी इलाकों में मवेशी खुलेआम घूमते नजर आते हैं। इनमें से कई मवेशी पालतू होते हुए भी दिनभर सड़कों पर आवारा घूमते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित रहता है और खासकर दोपहिया वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई लोग मवेशियों से टकराकर घायल भी हो चुके हैं, लेकिन नगरपालिका प्रशासन की ओर से इन्हें हटाने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
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दमोह. जिले के तारादेही थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खमतरा में शुक्रवार देर शाम एक युवक ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से गांव में सनसनी फैल गई। ग्रामीणों ने जब युवक का शव पेड़ से लटका देखा] तो तत्काल पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई की और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है।
Published on:
18 May 2025 10:48 am
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