पुलिस को संदेह, पहले भी पेपर किया लीक एसपी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के बयानों और एकत्र हो रहे सबूतों के आधार पर जांच आगे बढ़ रही हैं। संदेह यहां भी है कि यह सिर्फ विज्ञान के पेपर से जुड़ा मामला था या इससे पहले भी पेपर लीक किए गए। जिसका राज मोबाइल उगलेंगे। फॉरेंसिक लैब में डाटा रिकवरी टूलकिट से इसका पूरा डाटा पुलिस के हाथ लग जाएगा। साथ ही पूरे खेल का भी पर्दाफाश इसी से होने की उम्मीद है।
सामने आ सकता है बड़ा नेटवर्क कनेक्शन एसपी सिंह के अनुसार हमारा फोकस नेटवर्किंग पर हैं, जो महत्वूपर्ण हैं। आरोपी कहां-कहां कनेक्ट थे, यह स्पष्ट होते ही पूरी कहानी क्लीयर हो जाएगी। मोबाइल डाटा रिकवरी रिपोर्ट्स आते ही पता चल जाएगा कि कहां हरकत की गई, किसे पेपर भेजा गया। किन-किन सेंटर्स पर इसका यूज किया गया। कौन-कौन इस काले काम में शामिल था। हालांकि, अभी सबूत लगातार मिलते जा रहे हैं।
हिस्ट्री पर नजर, कॉल डिटेल भी मांगे एसपी ने बताया कि आरोपियों की हिस्ट्री पर भी नजर है, जिससे खंगालने की कोशिश की जा रही हैं। इनसे जुड़े लोगों से संवाद कर यह पता किया जा रहा हैं। जो चार आरोपी पकड़े हैं, उनसे मिलने नाम के आधार पर पूछताछ भी बढ़ा दी गई हैं। आरोपियों के मोबाइल नंबर और संदिग्धों के मोबाइल नंबर की कॉल रेकॉर्ड भी मांगा गया है। जो भी इस केस में एक सहायक भूमिका अदा करेगा। सोशल चेट पर भी पूरी नजर हैं।
सात दिन में आएगी रिपोर्ट जानकारी के अनुसार फॉरेंसिंक साइंस लैब भोपाल में एक विंग साइबर रिलेटिव होती हैं। जहां डाटा रिकवरी टूलकिट के अलावा अन्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से साइबर विशेषज्ञ मोबाइल आदि की जांच करते हैं। बारीकी से जांच होने के बाद मोबाइल से डिलिट हुए डाटा को रिकवर किया जाएगा। जिसकी एक रिपोर्ट बनाई जाएगी और ७ दिन में इसे संबंधित पुलिस को रिटर्न भेजा जाएगा।
एफआइआर में यह हैं उल्लेख
एफआइआर में उल्लेख है कि बीइओ बीके डोगरे की जांच के अनुसार कहा है कि मेरे द्वारा शासकीय उमा विद्यालय सैलवाड़ा पहुंचकर परीक्षा में ड्यूटीरत स्टाफ व भृत्य छोटू रजक से पेपर लीक होने के सम्बंध में पूछताछ की गई । सभी लोगों के मोबाइल को चेक किया गया। छोटू रजक के मोबाइल में वाट्सएप चेक करने पर मेसेज डिलीट करना पाया गया, जो छोटू रजक से पूछताछ करने पर छोटू रजक ने केन्द्राध्यक्ष एफएल पटेल, सहायक केन्द्राध्यक्ष पीएल पटेल, शिक्षक रामप्रसाद गोंटिया के कहने पर 20 मार्च के सुबह करीब 8.20 पर परीक्षा के नियत समय से करीब 40 मिनट पूर्व विज्ञान का पेपर अपने मोबाइल से पूनम सिंह निवासी तेन्दूखेड़ा, सीएम राइज प्राचार्य कुंजीलाल चौकसे, इसी केंद्र के पर्यवेक्षक गुड्डा पाल व गुरुकुल स्कूल से जुड़े सुदीप उर्फ भानू गर्ग निवासी तेन्दूखेड़ा को वॉट्सएप पर भेजना बताया।