क्या है पूरा मामला
बता दें कि, दमोह जिले में झोलछाप डॉक्टरों ने अपना जाल फैला रखा है। झोलछाप डॉक्टरों के सामने लगातार शिकायत आ रही थी। जिसके बाद मंगलवार को एक क्लीनीक भी सील की गई थी। पथरिया में एसडीएम की अगुवाई में हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने अवैध क्लीनिक पर रेड मारी थी। जब कार्रवाई की गई तो दवाइयों का भारी मात्रा में स्टॉक बरामद हुआ। इन डॉक्टरों के पास न तो कोई डिग्री है, न तो क्लीनिक चलाने का लाइसेंस था। पथरिया के महलवारा गांव के एक निजी अस्पताल में अफसरों की टीम पहुंची। यहां एक झोलाछाप डॉक्टर के यहां 50 के करीब मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे थे। रेड पड़ी तो टीम के भी होश उड़ गए। इस हॉस्पिटल में करीब 50 मरीज भर्ती होकर करा रहे थे। अस्पताल से भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं जब्त की गई हैं। इलाज करने के लिए यहां एक भी वैध दस्तावेज नहीं मिला। वहीं एलोपैथी दवाओं का स्टॉक भारी मात्रा में जब्त किया गया है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
दरअसल, इसके पहले 22 दिसंबर को भी संतोष साहू के अस्पताम में छापा मारकर दवाएं जब्त की गई थी। पुलिस में अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया था। हालांकि, उस समय संतोष साहू फरार हो गया था। जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर नोटिस देकर छोड़ दिया था। फिर कोर्ट में चालान पेश कर दिया।केस के बावजूद भी संतोष साहू अवैध अस्पताल चलाने के मामले में दोबारा पकड़ा गया है।