कई गायन मंडलिया हुई बंद
सरकारी संरक्षण व युवा पीढी की अरुचि से कई गायक मंडलियां समाप्त हो चुकी है। करीब 10 साल पूर्व तक हेला ख्याल दंगल मेें अपनी गायकी से सबको प्रभावित करने वाली राधारमण मंडल गंडाल व शहर गायक मंडल बिखर चुके हैं। अब शेष गायन मंडलियों में भी युवा कलाकारों का रुझान काफी कम देखा जा रहा है। पहले हेला ख्याल के आयोजन से महिनों पूर्व ही सैकड़ों गायक कलाकार हर रात्रि को अपने नियत स्थान पर जमा हो कर रियाज करते थे, लेकिन यह सब गायब हो गया है और चंद जने ही इन गायन मंडलियों में नियमित रियाज के लिए पहुंच रहे है।
जवाहर कला केंद्र ने भी खीचें हाथ
सन 1993 से हेला ख्याल संंगीत के आयोजन में जयपुर के जवाहर कला केंद्र की ओर से पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद देने की शुरुआत की थी।कुछ सालों तक यह आर्थिक मदद मिली लेकिन उसके बाद भी जवाहर कला केंद्र ने भी हेला ख्याल गायकी के इस अनूठे संगीत दंगल की मदद से अपने हाथ खींच लिए ।
पर्यटकों के लिए बन सकता है आकर्षण का केंद्र
हेला ख्याल संगीत दंगल केवल लालसोट या दौसा जिले की शान नही अपितु यह पूरे राजस्थान का सबसे पुराना लोक गायकी का अनूठा आयोजन है।यदि सरकार, पर्यटन विभाग व क्षेत्र के जनप्रतिनिधी प्रयास करें तो यह विदेशी सैलानियों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
आयोजन स्थल है बदहाल
करीब पचास साल पूर्व तक यह आयोजन शहर के झंरडा चौक पर आयोजित होता था, उसके बाद इस आयोजन निर्बाध रूप से जवाहर गंज सर्किल पर आयोजित होता आ रहा है।इस आयोजन से देश विदेश में लालसोट की पहचान बनी है और जिसे लालसोट की शान माना जाता है, उस आयोजन का स्थल सरकारी अनदेखी से पूरी तरह बदहाल है। आयोजन के तहत हजारों श्रौता जमीन पर बैठ कर हेला ख्याल संगीत दंगल का रसास्वादन करते है, लेकिन अब यहां अतिक्रमण की भरमार है। ऐसे में दूर दराज से यहां आने वाले श्रोताओं को परेशानी होती है।
8 अप्रेल की रात्रि से शुरू होगा आयोजन
271 वें हेला ख्याल संगीत दंगल का आयोजन शहर के जवाहर गंज सर्किल पर 8 अप्रेल की रात्रि को भवानी पूजन के साथ शुरू होगा, इसके बाद 9 अपे्रेल की रात्रि से शुरू हो कर 11 अप्रेल सुबह तक अनवरत जारी रहेगा। लालसोट समेत आस पास के कई जिलों की एक दर्जन गायक मंडलियां शिरकत करेंंगी। आयोजन को लेकर दंगल समिति के पदाधिकारी सभी व्यवस्थाओं को अंजाम देने में जुटे हंै।(नि.प्र.)