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लंगड़े-काने बनकर सौ लोग खा गए दिव्यांगों का हक, फर्जीवाड़ा खुला तो मचा बवाल

Crackdown On Fake Teachers:शिक्षा विभाग में अंधे-काने बनकर करीब सौ लोगों ने फर्जी तरीके से दिव्यांग कोटे की नौकरी हासिल कर ली। राज्य चिकित्सा परिषद ने आरोपियों के दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए। अब ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। अब विभाग ने आरोपियों को नोटिस जारी कर दिए हैं।

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In Uttarakhand, 100 people became teachers in the education department by making fake disability certificates

एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Crackdown On Fake Teachers : शिक्षा विभाग में भर्ती में बड़ी धांधली सामने आई है। ये मामला उत्तराखंड का है। साल 2022 में स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी 21 मार्च व 18 अप्रैल को करीब सौ शिक्षकों की दिव्यांगता के मामले में मूल्यांकन की रिपोर्ट भेज, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। बावजूद इसके विभाग ने कार्रवाई नहीं की। अब इस मामले में जनहित याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट का सख्त रुख देश शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाए सौ से अधिक लोगों की नौकरी पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में दिव्यांगजन आयुक्त ने प्रकरण में सुनवाई की। आयुक्त ने जनहित याचिका में शामिल ऐसे शिक्षकों की सूची शिक्षा विभाग को दी है, जिनके दिव्यांग प्रमाणपत्र, राज्य चिकित्सा परिषद ने फर्जी ठहराए थे। आरोपी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को विभाग ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। इधर, मंडलीय अपर निदेशक (गढ़वाल) कंचन देवराड़ी के मुताबिक मंडल के ऐसे एलटी शिक्षकों की संख्या 29 है। इन्हें अपने दिव्यांग प्रमाणपत्र के मामले में 15 दिन के भीतर विभाग को जवाब देना है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.मुकुल कुमार सती ने प्रवक्ता पद पर तैनात 14 शिक्षकों के साथ एक प्रधानाचार्य को भी नोटिस भेजा है।

फेडरेशन ने दायर की थी पीआईएल

दिव्यांग कोटे से  फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी पाने के मामले में नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। संगठन ने सरकारी नौकरियों में दिव्यांग कोटे के दुरुपयोग, विभागीय स्तर पर कार्रवाई न करने और दिव्यांगजनों को उनके हक से वंचित करने के आरोप लगाए। इधर, फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती के चलते शिक्षा विभाग ने रविवार को भी दफ्तर खोला। विभाग ने अपने अधिकारियों को माले में आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए। साथ ही अफसरों को नोटिस तामील होने की सूचना तीन दिन में मुख्यालय को देनी है।

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विभाग करता रहा मामले की अनदेखी

शिक्षा विभाग में इस तरह के गड़बड़झालों के तमाम मामले सामने आते रहते हैं। विभाग में पहले भी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले सामने आ चुके हैं। खासतौर पर फर्जी तरीके से बीएड पाठ्यक्रम कर उत्तराखंड में नौकरी हासिल कर ली गई थी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से डीएलएड कर उत्तराखंड में नौकरी हासिल करने की भी जांच इस समय चल रही है। लेकिन बार-बार विभाग उदासीन रुख अपनाता रहा। इसी का नतीजा है कि भर्तियों में गड़बड़झाले आम हो चुके हैं। इससे लोगों में आक्रोश का माहौल है।