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दायित्व बांटने के पक्ष में नहीं है उत्तराखंड सरकार,कार्यकर्ता व पार्टी के पदाधिकारी है नाराज!

उत्तराखंड सरकार द्वारा दायित्व आवंटित नहीं किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही साथ पार्टी के वरिष्ठ विधायकों में भी नारजगी है...

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Uttarakhand Chief Minister Trivandrum Rawat

Uttarakhand Chief Minister Trivandrum Rawat

अमरनाथ सिंह की रिपोर्ट.....

(देहरादून): उत्तराखंड सरकार द्वारा दायित्व आवंटित नहीं किए जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही साथ पार्टी के वरिष्ठ विधायकों में भी नारजगी है। सरकार बार बार भाजपा हाईकमान का हवाला देकर दायित्व आवंटन टाल रही है।


उत्तराखंड भाजपा की ओर से सरकार के समक्ष कार्यकर्ताओं के नामों की सूची भेजी जा चुकी है। सरकार को संगठन ने चार बार सूची सौंपी है जिसमें कुल 400 नाम शामिल हैं। लेकिन सरकार ने सूची ठंडे बस्ते में डाल दी । ऐसे में सरकार और संगठन के बीच दायित्व को लेकर तनातनी बढ़ती ही जा रही है। दायित्व आवंटन नहीं होने के पीछे कार्यकर्ताओं की काफी लंबी कतार है जिससे खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत घबराए हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही स्पष्ट कहा था कि केवल आवश्यक दायित्व ही आवंटित किए जाएंगे। सरकार 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटने के मूड में कतई नहीं है। इधर पूर्व कैबिनेट मंत्री और डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने शनिवार को देहरादून में कहा कि सरकार बने सवा साल हो गए हैं । पर अब तक सरकार दायित्व नहीं बांट पा रही है। यह बड़ा ही दुर्भाग्य का विषय है। सरकार को इसका खमियाजा वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का साफ कहना है कि दायित्व को आवंटन को लेकर सरकार किसी भी तरह की जल्दीबाजी में नहीं है। समय आने पर दायित्व बांटे जाएंगे।

पीएम के दौरे पर पार्टी की आंतरिक कलह सरकार के लिए खड़ी कर सकती है मुसीबत

दायित्व का आवंटन न करना सरकार का निजि फैसला हो सकता है पर यह निर्णय सरकार को मुसीबत में डाल सकता है। आगामी लोकसभा चुनाव पर तो इसका प्रभाव पड़ेगा ही साथ ही 21 जून को प्रधानमंत्री का दौरा राज्य में प्रस्तावित है ऐसे में सरकार और कार्यकर्ताओं के बीच चल रही कलह सरकार की परेशानियां बढ़ा सकती है। पीएम मोदी पहले ही केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण और आगामी 21 जून को देहरादून में होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की सुस्त गति से हो रही तैयारियों को लेकर नाराज है यदि राज्य में आने पर उन्हें पार्टी की आंतरिक खींच-तान का पता चला तो ऐसे में राज्य सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता।