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पत्रिकाओं-लिफाफे में छपे गणेश के चित्रों को 19 साल से काटकर कर रहे अलग

400 से ज्यादा चित्र एकत्रित कर 4 फाइल तैयार की

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पत्रिकाओं-लिफाफे में छपे गणेश के चित्रों को 19 साल से काटकर कर रहे अलग

पत्रिकाओं-लिफाफे में छपे गणेश के चित्रों को 19 साल से काटकर कर रहे अलग

देवास. शादी-ब्याह व अन्य शुभ कार्यों के दौरान बांटी जाने वाली पत्रिकाओं, उनके लिफाफों में छपे गणेशजी के चित्रों का अनादर न हो इसलिए इनकी कङ्क्षटग शहर के एक युवा समाजसेवी करीब 19 साल से करते हुए सुरक्षित रख रहे हैं। करीब 400 चित्रों की कङ्क्षटग करके उनके द्वारा 4 फाइल तैयार की जा चुकी है।
सीनियर राजबाड़े के पास रहने वाले रियासतकालीन आर्टिस्ट व शहर के प्रथम फोटोग्राफर गणपतराव पवार के पोते अमितराव पवार ने परिवार के सदस्यों की प्रेरणा से यह काम करीब 19 साल पहले शुरू किया था। उनके घर आने वाली सभी पत्रिकाओं व लिफाफे को सुरक्षित रखा जाता है और समय मिलने पर गणेशजी के चित्र काटकर अलग करके उनको सुरक्षित रखते हुए ड्राइंग सीट पर चिपकाया जाता है।

दादी ने दी थी प्रेरणा
पवार ने कहा कई लोग पत्रिकाओं को या तो इधर-उधर फेंक देते हैं या फिर रद्दी में शामिल कर लिया जाता है, ऐसे में अनजाने में भगवान के चित्रों का अपमान हो जाता है, इसी बात को लेकर उनके परिवार में कई बार पूर्व में चर्चा हुई थी, उनकी दादी शांताबाई पवार ने उनको चित्रों को अलग रखने और बाद में विसर्जित करने की प्रेरणा दी थी।

9 वर्षों से कर रहे मिट्टी से निर्मित प्रतिमा की स्थापना
देवास. लक्ष्मीपुरा निवासी अंकित गुप्ता विगत 9 वर्षों से मिट्टी से निर्मित श्री गणेश की स्थापना करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंै अपनी छोटी बहन अंकिता और छोटे भाई गौरव के साथ घर पर ही मिट्टी से इको फ्रेंन्ड्ली गणेश प्रतिमा को निर्मित करके अपनी श्रद्धा को मूर्त रूप देने का प्रयास करता हूं। साथ ही राजा के लिए एक सुन्दर सा मंदिर बनाने का भी प्रयास करते हैं। इसके लिए हम गणेश चतुर्थी के 15 से 20 दिन पूर्व से ही तैयारी में लग जातेे हैं।