निजी बस संचालक हाइवे में आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते यात्रियों की जान से खेल रहे हैंं। आरटीओ की ओर से स्पीड का निर्धारण होने के बाद भी वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि नेशनल हाइवे में एक के बाद एक सडक़ दुर्घटनाएं हो रही है। सूत्रों के अनुसार नेशनल हाइवे समेत अन्य सडक़ दुर्घटनाओं में पिछले 12 सालों में 12 सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में नागरिक अब वाहनों की तेज रफ्तार पर लगाम कसने के साथ ही फिर से स्टेट ट्रांसपोर्ट शुरू कर बस सेवा शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
नेशनल हाइवे मेंं धमतरी से रायुपर और धमतरी से जगदलपुर रूट में प्रतिदिन निजी कंपनियों की 80 से अधिक बसों का संचालन किया जाता है। इस रूट में निजी बसों के संचालन के लिए हर दो मिनट में परमिट जारी कर दिया गया है। इसके चलते बस संचालकों में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है। पिछले दिनों इसके चलते ही ग्राम चिटौद के पास दो यात्री बसों में जबरदस्त भिड़त हो गई, जिसमें दो यात्रियों की मौत हो गई। करीब ३६ यात्री घायल हुए। गुरूवार को सोरिद पुल के पास देखा गया कि दो निजी कंपनी की बसें एक-दूसरे से आगे बढऩे के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही थी, इसके चक्कर में एक बाइक चालक दुर्घटनाग्रस्त होते हुए बाल-बाल बचा।