परीक्षा देने पहुंचे बच्चों की परीक्षा लेने की अपेक्षा उन्हें कमरे में बंद कर दिया, जब पालकों को इस बात जानकारी मिली, तो वे दौड़े भागे स्कूल पहुंचे.
परीक्षा देने स्कूल पहुंचे बच्चों को कर दिया कमरे में बंद
धार. मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित एक स्कूल में गुरुवार सुबह परीक्षा देने पहुंचे बच्चों की परीक्षा लेने की अपेक्षा उन्हें कमरे में बंद कर दिया, जब पालकों को इस बात जानकारी मिली, तो वे दौड़े भागे स्कूल पहुंचे और अपने बच्चों को इस तरह कमरे में बंद करने का कारण जानना चाहा, लेकिन विद्यालय के प्राचार्य घंटों तक कक्ष से बाहर नहीं निकले। ऐसे में आक्रोशित परिजनों ने स्कूल के बाहर नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया, तब जाकर प्राचार्य बाहर निकले।
गुरुवार सुबह मांडू रोड स्थित एमीनेंट पब्लिक स्कूल में विद्यार्थी उत्साह से परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन इन्हें बजाय परीक्षा दिलाते हुए फीस नहीं भरने के कारण एक कमरे में बंद कर दिया। छात्रों ने अपने-अपने पालकों को सूचना दी। गुस्सा, पालक स्कूल पहुंचे और प्राचार्य पी भुवेंद्रम से चर्चा करने की कोशिश की, लेकिन दो घंटे तक प्राचार्य अपने कमरे से बाहर नहीं निकले। इसके बाद पालकों का गुस्सा और बढ़ गया। पालकों ने स्कूल के बाहर नारेबाजी करना शुरू कर दिया ।
लगभग 10 बजे प्राचार्य ने अपने कमरे का दरवाजा खोला और पालकों से चर्चा की। पालक विजय वर्मा, प्रतिभा कराले, सरोजने बताया कि सुबह बच्चों को छोड़कर वे अपने-अपने घर चले गए थे। इसके बाद बच्चों का फोन आया कि परीक्षा देने की बजाय उन्हें कमरे में बंद कर दिया है। इसके बाद पालक पहुंचे तो बच्चों को बंद कमरे से बाहर निकाला। पालकों ने जब प्राचार्य से चर्चा करना चाही तो घंटों वे कमरा बंद करके बैठे रहे। बाद में उन्होंने कमरा खोला।
यह भी पढ़ें : बुंदेलखंड एक्सप्रेस से निकला धुआं, मच गया स्टेशन पर हड़कंप पालकों ने बताया कि हमने दो किश्तें जमा करा दी है। इसके बाद भी बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। पालकों का कहना था कि स्कूल प्रबंधन ने फीस को लेकर हमें कोई सूचना नहीं दी। बच्चे यहां पर आठ बजे पहुंचे थे। नौ बजे से नौवी से लेकर 11 वीं तक के विद्यार्थियों की परीक्षा थी। कई बच्चों को प्रबंधन ने परीक्षा देने से ही वंचित कर दिया। पालक भोजराज ने बताया कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र शर्मा को कई बार काल किए। लेकिन उन्होंने रिसीव करना तक उचित नहीं समझा। पालकों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर स्कूल प्रबंधन से मिली भगत का आरोप भी लगाया।