
Akhand Dwadashi fast 2024
Akhand Dwadashi fast 2024: अखंड द्वादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस बार यह पावन व्रत गुरुवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि द्वादशी व्रत का पालन करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है। आइए जानते हैं शुभ समय।
12 दिसबंर को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि गुरुवार के दिन अखंड द्वादशी व्रत किया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार इसके लिए शुभ समय तय किया गया है।
12 दिसंबर 2024 को रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी, उसके बाद त्रयोदशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी।
12 दिसंबर को दोपहर बाद 3 बजकर 23 मिनट तक परिघ योग रहेगा।
12 दिसंबर 2024 को सुबह 9 बजकर 53 मिनट तक अश्विनी नक्षत्र का प्रभाव रहेगा
अखंड द्वादशी का व्रत 12 दिसंबर 2024 को किया जाएगा। इसके साथ ही आज के दिन पंचक भी है।
धार्मिक मान्यता है कि अखंड द्वादशी व्रत को करने से भगवान विष्णु का प्रसन्न होते हैं। क्योंकि यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस शुभ दिन पर व्रत करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही परिवार में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस शुभ दिन पर व्रत करने वाले उपासक को प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए।
भगवान विष्णु की पूजा करें और फल, फूल, और पंचामृत अर्पित करें।
इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम या द्वादशाक्षर मंत्र का जाप करें।
पूरे दिन निराहार रहें, शाम को फलाहार कर सकते हैं।
व्रत का पारण (व्रत खोलना) द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करें।
12 दिसबंर यानि गुरुवार के दिन सूर्योदय सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर होगा।
वहीं शाम के 5 बजकर 25 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Published on:
11 Dec 2024 05:52 pm
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