
Anant kal Sarp Dosh: अनंत कालसर्प दोष का विवाह से पहले और विवाह के बाद भी पड़ता है असर, जानें सावधानियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सातों ग्रहों के राहु और केतु से घिरे होने से अनंत काल सर्प दोष बनता है। दूसरे अर्थों में जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु सातवें भाव में होते हैं और बाकी सभी ग्रहों को राहु केतु घेरे रहते हैं। इस दौष के कारण जातक को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे स्वास्थ्य और संपत्ति संबंधित परेशानी भी आती है। व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और इस दोष के दुष्प्रभाव से व्यक्ति को बहुत पीड़ा होती है, उसे मृत्यु तुल्य एहसास होता है, करियर और बिजनेस में नुकसान होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अनंत काल सर्प दोष का वैवाहिक जीवन पर गहरा असर पड़ता है। आइये जानते हैं यह दोष शादीशुदा जिंदगी को कैसे प्रभावित करता है।
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Published on:
04 Jul 2024 06:28 pm
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