
Mahila Naga Sadhu
Mahila Naga Sadhu: नए साल 2025 में यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इस भव्य प्रोग्राम में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे। यह महाकुंभ का भव्य मेला 2 महीने तक चलेगा। इस मेले में नागा साधुओं के साथ-साथ महिला नागा साधु भी शाही स्नान करने के लिए आती हैं। लेकिन क्या आपको पता जानते हैं कि महिला नागा साधु पुरुष नागा साधुओं की तरह निर्वस्त्र रहती हैं या वस्त्र धारण करती हैं। अगर आप नहीं जानते हैं तो यहां जानिए महिला नागा साधुओं के नियम।
लोगों को अक्सर नागा साधुओं के बारे में जानने की प्रबल इच्छा रहती है। धार्मिक विद्वानों के अनुसार महिला नागा साधु पुरुषों की तरह एकदम नग्न नहीं रहती हैं। उनके लिए गेरुए रंग के साधारण वस्त्र और भगवा लंगोट पहनने की स्वीकृति दी जाती है।
नग्नता का विचार मुख्य रूप से पुरुष नागा साधुओं के लिए है, जबकि महिला नागा साधु कुछ सीमित कपड़े पहनती हैं ताकि उनकी मर्यादा बनी रहे। उनका जीवन संयम, तपस्या और साधना में समर्पित होता है। यह माथे पर तिलक, शरीर पर राख और सिर पर मोटी जटाएं रखती हैं।
महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया उतनी ही कठिन है। जितन पुरुष नागा साधु बनने की है। इनको करीब 12 साल तक कठोर तपस्या करनी पड़ती है। जिसके लिए नागा गुरुओं की परीक्षा से गुजरना पड़ता है। नागा महिला साधुओं को शुरुआत के 6 साल सांसारिक मोहमाया से अलग रहना पड़ता है। ये केवल भिक्षा मांग कर गुजारा करती हैं। इसके बाद इनका जीवन अभ्यस्त हो जाता है, तो वह अपना पिंडदान कर सिर मुंडवाती हैं। इसके बाद ही उनके गुरू इनको महिला नागा साधु की उपाधि देते हैं।
त्याग और वैराग्य- सांसारिक सुखों का त्याग करती हैं और जीवन में सादगी अपनाती हैं।
दीक्षा और कठोर तपस्या- नागा साधु बनने के लिए कठोर दीक्षा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें मानसिक और शारीरिक तपस्या शामिल है।
अखाड़ा संस्कृति- महिला नागा साधु किसी मान्यता प्राप्त अखाड़े के नियमों का पालन करती हैं।
कुंभ मेले में शाही स्नान- ये महिला नागा साधु कुंभ मेले के दौरान धार्मिक शाही स्नान करती हैं, जो इनकी आस्था का एक प्रमुख हिस्सा है।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
07 Jan 2025 10:35 am
Published on:
16 Dec 2024 05:54 pm
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