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दुष्कर्म व हत्या के दोषियों को आजीवन कारावास

धौलपुर. नाबालिग बालिका से दुष्कर्म एवं उसके साथी की हत्या करने के मामले में एससी एसटी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश सुरेश प्रकाश भट्ट ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने नेत्रपाल पुत्र द्वारिका प्रसाद सायपुरा कौलारी और बनिया पुत्र महेन्द्र सिंह लुहारी कोतवाली को पोस्को व हत्या में दोषी मानते […]

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narendra singh

May 31, 2017

in a rap and murder case, two man life time prisoned

in a rap and murder case, two man life time prisoned

धौलपुर. नाबालिग बालिका से दुष्कर्म एवं उसके साथी की हत्या करने के मामले में एससी एसटी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश सुरेश प्रकाश भट्ट ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने नेत्रपाल पुत्र द्वारिका प्रसाद सायपुरा कौलारी और बनिया पुत्र महेन्द्र सिंह लुहारी कोतवाली को पोस्को व हत्या में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास के साथ ५-५ हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव लुहारी में वर्ष २०१४ का है, जिसमें आरोपियों ने नाबालिग से दुष्कर्म कर बादरपुर निवासी उसके साथी गजेन्द्र सिंह की कुंए में ढकेलकर हत्या की थी।

क्या था मामला

विशेष लोक अभियोजक नरेश शर्मा ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र के गांव बादरपुर निवासी मृतक गजेन्द्र सिंह पुत्र रामनिवास ३ मई २०१४ को अपने साथ कल्याण सिंह के साथ लुहारी किसी शादी समारोह में आया हुआ था। जहां उसका नाबालिग से प्रेम प्रसंग था। दोनों कथित प्रेमी उसी रात को किसी कुंए के पास मिले, जहां उक्त दोनों आरोपियों ने उन्हें संदिग्ध हालत में देख लिया।

दुष्कर्म व हत्या को दिया अंजाम

उक्त दोनों आरोपी भी जबरन नाबालिग से संबंध बनाना चाह रहे थे। जब कथित प्रेमी युगल ने विरोध किया तो पहले उनके साथ मारपीट की। बाद में आरोपी बनिया नाबालिग को घर छोडऩे की बात कहकर वहां से ले गया और रास्ते में उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह वापस उसी जगह लौट आया, जहां युवक को छोड़ गया था। आरोपियों ने युवक को कुंए में धकेल दिया और वहां से गायब हो गए।

युवक गजेन्द्र सिंह जब घर नहीं पहुंचा और काफी तलाश व पूछताछ के बाद परिजनों ने हत्या का शक जाहिर करते हुए उसके साथ गए कल्याण सिंह के खिलाफ पुलिस थाने में तहरीर दी। लेकिन ६ मई २०१४ को मृतक गजेन्द्र सिंह का शव कुंए में मिला और पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

कोर्ट ने की टिप्पणी

मामले में पुलिस ने मृतक के साथ कल्याण सिंह को गिरफ्तार किया था और तफ्तीश व पूछताछ के बाद छोड़ दिया। कोर्ट ने पुलिस पर टिप्पणी की है कि कल्याण सिंह को भी मामले में तलब किया जाना चाहिए था, लेकिन लापरवाही बरती गई। जबकि कोर्ट ने इस प्रकरण में कल्याण सिंह की भी गवाही ली और परीक्षण किया। तब जाकर उसे निर्दोष माना।


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