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धौलपुर

नई तकनीक: अब ट्रेक पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा से दौड़ सकेंगी ट्रेनें

धौलपुर. रेलवे अब यात्रियों के लिए सुगम यात्रा बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर रहा है। जिससे अब यात्रियों की यात्रा में लगने वाले समय की बचत होगी। आगरा-झांसी अप लाइन पर ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ने अब पुराने स्लीपरों को हटाकर नए डिजायन से तैयार स्लीपर को बिछाने का निर्णय लिया है।

धौलपुरApr 29, 2024 / 07:33 pm

Naresh

नई तकनीक: अब ट्रेक पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा से दौड़ सकेंगी ट्रेनें New technology: Now trains will be able to run at 160 kilometers per hour on the track
– धौलपुर-झांसी अप लाइन पर जल्द शुरू होगा स्लीपर्स बदलने का कार्य

– नए स्लीपर्स ट्रेनों को देंगे रफ्तार और बेहतर सस्पेंशन

– इंजीनियर ट्रेक का कर चुके निरीक्षण, जल्द लगेंगे स्लीपर्स

धौलपुर. रेलवे अब यात्रियों के लिए सुगम यात्रा बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर रहा है। जिससे अब यात्रियों की यात्रा में लगने वाले समय की बचत होगी। आगरा-झांसी अप लाइन पर ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ने अब पुराने स्लीपरों को हटाकर नए डिजायन से तैयार स्लीपर को बिछाने का निर्णय लिया है। ये पहले से अधिक वजनी होंगे और अलग-अलग लाइन को आगे आसानी से जोड़ा भी जा सकेगा। यहां धौलपुर-झांसी की अप रेल लाइन पर दौडऩे वाली ट्रेनें अब अधिकतम 160 की रफ्तार पकड़ सकेंगी। अभी इस लाइन पर 130 प्रति किलोमीटर अंतिम रफ्तार है। नए स्लीपर बिछाने के लिए रेलवे का इंजीनियर विभाग तैयार है। ट्रेक पर दो से तीन दफा रेलवे के तकनीकी अधिकारी निरीक्षण कर चुके हैं। माना जा रहा है कि जल्द नए स्लीपर बिछाना शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि पुराने स्लीपर होने से ट्रेनें ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ पाती थी। जिससे कुछ ट्रेनें तो देरी से चलती हैं। यह दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलवे लाइन होने की वजह से इस पर टे्रनों का भार भी अधिक है। अप-डाउन के साथ यहां पर थर्ड लाइन बिछाने का कार्य भी जोरों से चल रहा है।
एक स्लीपर्स होगा 310 किलो वजनी

रेलवे नए ट्रेकों में अब 275 किलो भार वर्ग की जगह 310 किलो भार वाले स्लीपर्स काम में ले रहा है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी इस रूट पर अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल रही हैं। स्लीपर बदलने पर रफ्तार बढकऱ 160 किलोमीटर प्रतिघंटे हो सकेगी। जिससे शताब्दी एक्सप्रेस, बंदे भारत और लम्बे रुट की ट्रेनों को फायदा होगा।
भार बढऩे से स्लीपर्स की बढ़ेगी ‘लाइफ’

रेल मार्ग की पटरियों के नीचे बिछे स्लीपर के अधिक वजन के बिछाने का निर्णय से रेलवे को फायदा होगा। बार-बार स्पीपर्स नहीं बदलने पड़ेंगे। साथ ही अधिक लोडिंग की मालगाडिय़ों को ट्रेक आसानी से भार उठा सकेगा और बेहतर सस्पेंशन मिलेगा। वजन अधिक होने से बार-बार क्रेक होने की घटनाओं पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा।
आगरा-झांसी अप रेलवे लाइन के स्लीपर बदले जा रहे हंै। जिससे उनके स्थान पर नए स्लीपर को लगाया जा रहा है। जिससे ट्रेनों की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके लिए काम शुरू हो गया है।
– दिगम्बर सिंह, सहायक अभियंता, रेलवे धौलपुर

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