
शोधकर्ताओं की इस टीम में भारतीय मूल के वैज्ञानिक जयाचंद्रन कीजाकेधाठू भी शामिल थे। यह खोज दुनियाभर में रक्त की कमी से निपटने में मददगार हो सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के वैज्ञानिकों ने ब्लड एंजाइम्स (विभिन्न ब्लड ग्रुप में पाए जाने वाले अणु) की मदद से विभिन्न रक्त समूहों में परिवर्तन कर इन्हें ब्लड ग्रुप 'ओ' में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की है। शोधकर्ताओं की इस टीम में भारतीय मूल के वैज्ञानिक जयाचंद्रन कीजाकेधाठू भी शामिल थे। यह खोज दुनियाभर में रक्त की कमी से निपटने में मददगार हो सकती है।
ब्लड में बदलाव -
मान लीजिए कि किसी 'ए' ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को खून की जरूरत है और ब्लड ग्रुप 'ए' व 'ओ' वाला कोई दानदाता उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में एंजाइम्स के जरिए 'बी' ब्लड ग्रुप में शुगर एंटीजन को नष्ट कर इसे 'ओ' में बदल दिया जाएगा। ब्लड ग्रुप 'ओ' में एंटीजन नहीं होते और इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है।
ये होगा लाभ -
कई बार विभिन्न ब्लड ग्रुप होने के कारण खून चढ़ाने में दिक्कतें आती हैं। यदि किसी को गलत रक्त चढ़ा दिया जाए तो रोग प्रतिरोधी तंत्र एंटीबॉडीज का निर्माण कर उस रक्त की कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है। ऐसे में ब्लड ग्रुप 'ओ' की उपलब्धता से ब्लड ट्रांसफ्यूजन (खून चढ़ाना) में आसानी होगी क्योंकि इसे किसी भी समूह के व्यक्ति को दे सकते हैं।
ब्लड ग्रुप के समूह -
ब्लड ग्रुप के 4 समूह होते हैं- ए, बी, एबी और ओ।
यदि लाल रक्तकणिकाओं में प्रोटीन होता है तो ब्लड ग्रुप पॉजिटिव वर्ना नेगेटिव होता है।
आइये जानते हैं कौन किसे रक्तदान कर सकता है।
ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव : सभी पॉजिटिव ग्रुप को।
ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव : सभी को।
ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव : ए+ और एबी+
ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव : ए+, ए- , एबी+, एबी
ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव : बी+ और एबी+
ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव : बी-, बी+ , एबी+, एबी-
ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव : एबी+
ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव : एबी+, एबी-
आप कर सकते हैं रक्तदान -
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 60 साल तक हो, वजन 48 किलोग्राम से ज्यादा, हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम प्रति डेसिलीटर और उसे लंबे समय से कोई बीमारी ना हो वह रक्तदान कर सकता है। तीन माह में एक बार रक्तदान किया जा सकता है।
रक्त देने से बचें ये लोग -
डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थायरॉयड, किसी भी प्रकार का कैंसर, त्वचा रोग, एलर्जी, पीलिया, मलेरिया, हेपेटाइटिस, थैलेसीमिया रोग, लिवर, किडनी व अस्थमा के मरीज रक्तदान नहीं कर सकते। जिन लोगों ने टैटू गुदवाया हो वो इसे गुदवाने के एक साल बाद ही रक्तदान कर सकते हैं। गर्भावस्था और एनीमिया होने पर भी ब्लड डोनेट न करें।
Published on:
21 Feb 2019 03:30 pm
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