First Heart Attack का कारण बन सकता है ये तेल, लेकिन पुरानी बीमारी में…
Fish Oil Supplements and Heart Attack Risk : मछली के तेल की गोलियां लेना सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है! एक नए अध्ययन में सामने आया है कि मछली के तेल (Fish Oil) की गोलियां लेने से पहली बार दिल का दौरा (Heart attack) या स्ट्रोक (Stroke) पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
Fish Oil Supplements and Heart Attack Risk : मछली के तेल (Fish Oil) की गोलियां लेना सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है! एक नए अध्ययन में सामने आया है कि मछली के तेल की (Fish Oil) गोलियां लेने से पहली बार दिल का दौरा या स्ट्रोक पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
अध्ययन में पाया गया कि जो लोग पहले से स्वस्थ थे, उनमें नियमित रूप से मछली का तेल (Fish Oil) लेने से पहली बार हृदय रोग (Heart disease) और स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, जिन लोगों को पहले से ही हृदय संबंधी बीमारी (Cardiovascular disease) है, उनमें मछली के तेल का सेवन इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकता है और मृत्यु के जोखिम को भी कम कर सकता है।
मछली के तेल की गोलियां जोखिम कारक हो सकती हैं Fish oil pills may be a risk factor
Fish Oil Supplements and Heart Attack Risk : अध्ययन में 40 से 69 साल के उम्र के 415,000 से अधिक लोगों पर 12 साल तक शोध किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि मछली के तेल की गोलियां आम लोगों के लिए घातक अलिंद विकंपन और स्ट्रोक का जोखिम कारक हो सकती हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है जिन्हें पहले से ही हृदय संबंधी (Cardiovascular disease) बीमारी है।
यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को पहले से क्या बीमारी है, साथ ही मात्रा और मछली के तेल के अलग-अलग रूपों पर भी निर्भर करता है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी और शोध की जरूरत है ताकि यह पता लगाया जा सके कि मछली का तेल और हृदय रोग में क्या संबंध है।
मछली के तेल की गोलियां लेने वाले स्वस्थ लोगों में आलिंद फिब्रिलेशन और स्ट्रोक का खतरा थोड़ा बढ़ा हुआ क्यों हो सकता है, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं है। शायद इन लोगों के परिवार में पहले से ही हृदय रोग (Heart disease) का इतिहास रहा हो या उनकी जीवनशैली ऐसी हो जो आलिंद फिब्रिलेशन और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती हो, भले ही वे मछली का तेल ले रहे हों।
एक आहार विशेषज्ञ के अनुसार ज्यादातर लोगों को अपनी डाइट से ही ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) प्राप्त करने चाहिए। इसके लिए आप फैटी फिश, जैसे सालमन, सार्डिन, टूना, अलसी, चिया सीड्स, अखरोट और बादाम का सेवन कर सकते हैं।
खाने में बदलाव करके आप अपने दिल की सेहत का ख्याल रख सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप रेड मीट की जगह फैटी फिश खा सकते हैं। इससे आपके शरीर में सैचुरेटेड फैट कम होगा और ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) की मात्रा बढ़ेगी।
डॉक्टर से बात किए बिना कोई भी गोलियां न लें
अपने डॉक्टर से बात किए बिना कोई भी गोलियां न लें। कई गोलियां बेकार हो सकती हैं या आपके स्वास्थ्य को खराब भी कर सकती हैं।
अध्ययन में शामिल नहीं हुई एक अन्य आहार विशेषज्ञ का कहना है कि हफ्ते में 4-5 बार फैटी फिश खाने से आलिंद फिब्रिलेशन का खतरा कम हो सकता है, जबकि ज्यादा मात्रा में मछली का तेल लेने से खतरा बढ़ सकता है। इसलिए मात्रा और क्वालिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
अपने लिए सही मात्रा और मछली का तेल लेने के फायदों के बारे में जानने के लिए किसी हृदय रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।