
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि दुनियाभर में 8 में से एक व्यक्ति को कोई न कोई मानसिक रोग है। इसमें एंजाइटी व डिप्रेशन सबसे आम हैं। कई लोगों के पास इसके उपचार के लिए बेहतर साधन न होने से इनके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) पर जानते हैं, इसके कारण, लक्षण एवं बचाव के बारे में-
एक ही कारण नहीं
यह समस्या अचानक से नहीं होती और इसका एक कारण भी नहीं है। इसमें उतार-चढ़ाव से भरा बचपन जैसे बाल शोषण, यौन हमला, हिंसा, उम्र बढऩे के साथ कोई गंभीर बीमारी, मस्तिष्क में जैविक कारक या नशा, रासायनिक असंतुलन, अकेलापन, तलाक या रिश्ता टूटना, किसी प्रिय के खोने का गम, नकारात्मक विचार, अनियमित दिनचर्या और गलत खानपान आदि हैं।
लक्षण
एक ही विषय के बारे में ज्यादा सोचना, एंजायटी-घबराहट, व्यवहार में बदलाव, नींद का कम या ज्यादा होना, खाने या सोने का पैटर्न बदलना, दैनिक कार्य करने में परेशानी, लंबे समय तक अवसाद और उदासीनता, ज्यादा गुस्सा या हिंसक व्यवहार, आत्महत्या के बारे में सोचना, खुद को नुकसान पहुंचाना, ज्यादा मूड स्विंग्स होना, फोबिया आदि।
ऐसे दूर करें तनाव
पर्याप्त नींद लें: रिसर्च से स्पष्ट हो चुका है कि जो लोग 6-8 घंटे की पर्याप्त नींद लेते हैं, उनकी मानसिक सेहत को नुकसान कम होता है।
सामाजिक दायरा बढ़ाएं: दोस्तों व ऑफिस के सहयोगियों से अच्छे संबंध रखें। संभव हो तो किसी सामाजिक संगठन से भी जुडें़।
कुछ नया सीखें: जब आप क्रिएटिव होते हैं और कुछ नया सीखने के प्रयास में रहते हैं तो दिमाग सक्रिय रहता है। इससे तनाव घटता है।
खुद को समय दें: इसमें मन और शरीर, दोनों की बात है। शरीर के लिए योग-व्यायाम करें तो मन के लिए अपने शौक को समय दें। ध्यान करें।
मदद करें और मांगें भी: कुछ लोगों की आदत होती है कि न तो वे मदद मांगते हैं और न ही किसी की करते हैं। इस आदत को बदलें।
रिलैक्स तकनीक सीखें: शांति से बैठकर गहरी सांस लें। अपने विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें। खुद को व्यस्त रखने के लिए कोई काम करें। किसी की मदद करें आदि।
लो-कैलोरी फूड्स
इसमें काब्र्स, फैट्स और शुगर बहुत कम होता है। लंबे समय तक इस डाइट को लेने से मेंटल हेल्थ से जुड़ी कुछ गंभीर समस्या पनप सकती हैं। एक्सपर्ट की सलाह से हेल्दी डाइट लें।
सैचुरेटेड फैट्स
हाई फ्राई चीजें रिफाइंड व प्रोसेस्ड फूड्स सहित हाई-सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा भी बढ़ जाती है। साइंस जर्नल प्लास वन में छपी एक स्टडी के अनुसार, ऐसी डाइट से गंभीर डिप्रेशन हो सकता है।
इन चीजों से घटता है दुष्प्रभाव
विटामिन बी: यह आठ पोषक तत्वों का समूह है। इसमें बी 6, बी 9 (फोलिक एसिड) और बी 12 शामिल है। ये तंत्रिका तंत्र के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं और चिंता को दूर करने में मदद कर सकते हैं। मूंगफली, फलियां, पत्तेदार साग खाएं।
ओमेगा3: मैग्नीशियम तंत्रिका तंत्र को पोषण देता है और चिंता, भय, घबराहट, बेचैनी और चिड़चिड़ापन को रोकने में मदद करता है। इससे शरीर में डोपामाइन हार्मोन बढ़ता है। डाइट भी एक्सपर्ट की सलाह लें।
ये करें उपाय
शारीरिक व मानसिक रूप से सक्रिय रहें। दूसरे लोगों से खुद को अलग न समझें। सकारात्मक सोच के लिए अच्छी पुस्तकें पढ़ें। अच्छे लोगों के साथ रहें। दूसरों की मदद करें। दिनचर्या नियमित रखें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
14 Sept 2023 06:28 pm
Published on:
14 Sept 2023 06:27 pm
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