
किसी के अचानक बेहोश होने पर कैसे दे सकते हैं कृत्रिम सांस
किसी घटना, दुर्घटना या अन्य कारण से कोई बेहोश हो गया है या बेसुध अवस्था में है। उसकी सांस नहीं आ रही है तो सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी- रेसूसिटेशन तकनीक से उसकी सांस और हृदयगति वापस लौटा सकते हैं। बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीक से हृदय और फेफड़े को री-एक्टिवेट या दोबारा क्रियाशील बनाया जाता है जिससे व्यक्ति बेहोशी से बाहर निकल सकता है।
कंधे हिलाए फिर पूछें -‘क्या आप ठीक हैं’
कोई बेहोशी की हालत में है तो सबसे पहले उसके पास जाए। उसके दोनों कंधे को हिलाकर पूछें कि ‘क्या आप ठीक हैं’। उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता हैं तो आप अलर्ट हो जाएं क्योंकि उसकी तरफ से किसी तरह के जवाब का नहीं आना उसकी गंभीर स्थिति को बताता है। ध्यान रहे कि ऐसी अवस्था में रोगी के मुंह में पानी नहीं डालना चाहिए।
गले की नब्ज जांचें
जवाब नहीं मिलने के छह से दस सेकंड के बाद पीडि़त की कैरॉटिड पल्स (गले की नब्ज कंठ के दोनों तरफ होती) जांचें। इसे अपनी तीन अंगुलियों से टटोलेंगे तो धडक़न महसूस होगी। इसमें सावधानी रखनी होती है। दोनों तरफ की कैरॉटिड में एक साथ अंगुलिया नहीं डालनी चाहिए।
ऐसे देते सीपीआर
सीने के बीच की हड्डी (स्टर्नम) जहां खत्म होती है वहां दबाव देते हैं। हथेली के निचले हिस्से से सीने की खत्म हो रही हड्डी के बाद वाले हिस्से को दबाते हैं। जोर से दबाव के लिए उल्टे हाथ से सीधे हाथ की अंगुलियों को पकडक़र पंजा बनाएं उसके बाद कंप्रेशन दें। कोहनी मोड़ें नहीं।
नाक को दबाते हैं
हथेली की हील की मदद से सीने पर एक मिनट में १०० से १२० कंप्रेशन देने होते हैं यानी एक सेकंड में दो कंप्रेशन। तीस कंप्रेशन के बाद पीडि़त को ओपन एयर-वे की ओर ले जाते हैं। इसमें उसके माथे पर अपनी सीधे हाथ की तीन अंगुलियों रखते हैं। थंब और इंडेक्स फिंगर से नाक को दबाएं।
मुंह से दें कृत्रिम सांस
सीधे हाथ की अंगुलियों को ठोढ़ी (चिन) पर रखें और सिर को उठाएं। मुंह से कृत्रिम सांस देने के लिए उसके मुंह पर कपड़ा या रूमाल लगाएं। अपनी सांस सामान्य तरीके से उसके मुंह में छोड़ें। सांस देने के बाद एक सेकंड आराम करें। पांच बार करने के बाद रोगी को तीस बार चेस्ट कंप्रेशन दें।
किसे कब देना है सी पी आर
कार्डियो पल्मोनरी रेसूसिटेशन (सीपीआर) देना किसे है ये जानना बेहद जरूरी है। ऐसा व्यक्ति जो सडक़ हादसे में घायल होकर बेसुध पड़ा हो या आग या धुएं की चपेट में आकर बेसुध हो गया है। अचानक किसी को झटका आया और बेहोश हो गया या कोई पानी में डूब रहा है। ध्यान रखें वे मरीज नहीं है और आप डॉक्टर नहीं। आप पीडि़त के मददगार हैं।
पहले सुरक्षा तय करें
घायल और बेसुध व्यक्ति की मदद से पहले अपनी और उसकी सुरक्षा तय करें। पीडि़त सडक़ पर है तो उसे किनारे लाएं। पीडि़त को संकरी जगह से अलग रखें।
Published on:
06 Jun 2018 04:35 am
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