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डिहाइडे्रशन से बचाएगा ‘ओआरएस’ घोल, जानें इसके फायदे

निर्जलीकरण मौत का सबसे बड़ा कारक है। मरीज को ओआरएस घोल देने से निर्जलीकरण के कारण होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से कम हुआ है।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Nov 15, 2019

डिहाइडे्रशन से बचाएगा 'ओआरएस' घोल, जानें इसके फायदे

डिहाइडे्रशन से बचाएगा 'ओआरएस' घोल, जानें इसके फायदे

कुछ बीमारियों में मरीज के शरीर में पानी की कमी (डिहाइडे्रशन) हो जाती है। निर्जलीकरण मौत का सबसे बड़ा कारक है। मरीज को ओआरएस घोल देने से निर्जलीकरण के कारण होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से कम हुआ है। हालांकि अभी तक पूरी तरह से इससे निजात नहीं मिल पाई है, लेकिन निर्जलीकरण से निपटने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

250 मिली. घोल लें -
ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ओआरएस)है। डब्ल्यूएचओ ने 1978 में शुरुआत की थी। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा दस्त हों तो 75 से 125 मिली. ओआरएस घोल देना चाहिए। दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चे को 125 से 250 मिली. घोल देना चाहिए। बच्चे को तीन बार से ज्यादा दस्त आए तो दो सप्ताह तक ओआरएस का घोल दे सकते हैं।

चीनी न मिलाएं -
साफ बर्तन में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी में ओआरएस घोल बनाएं। पानी की उचित मात्रा नहीं लेने से डायरिया का दुष्प्रभाव बढ़ सकता है। ओआरएस घोल दूध, सूप, फलों के रस और सॉफ्ट ड्रिंक के साथ नहीं पीना चाहिए। इसमें अतिरिक्त चीनी भी नहीं मिलानी चाहिए। एक लीटर पानी मेें ओआरएस का एक पैकेट डालें। एक साल तक के बच्चे को चौबीस घंटे में दें। एक साल से बड़े बच्चे को आठ से 24 घंटे में दें।