
पसीना आैर नमी से होती दाद-खुजली की दिक्कत
अक्सर लंबे समय तक पसीने में रहने या नमी वाले वातावरण में काम करने वालों को त्वचा पर निशान होकर उनमें खुजली होने लगती है। यह समस्या दाद और उनमें खुजली की होती है। जिसे मेडिकल भाषा में रिंगवर्म कहते हैं। ऐसा मुख्य रूप से नमी में पनपे फंगस के इंफेक्शन से होता है। जांघों के आसपास, हाथों के बगल, सिर की त्वचा और शरीर के मुड़ने वाले प्रमुख हिस्सों पर ऐसा ज्यादा होता है। जानें आयुर्वेद के अनुसार -
दूषित रक्त से समस्या
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में रिंगवर्म को दद्रू कहते हैं। इसमें जलन व खुजली होने के साथ कई बार गंभीर अवस्था में तरल भी निकलने लगता है। विरुद्ध आहार इस रोग की मुख्य वजह है। जिससे रक्त दूषित होता है और विषैले तत्त्व दाद के रूप में उभरने लगते हैं। जिसमें मूली के साथ दूध, मांसाहार के साथ दूध, करेले के साथ दूध या दही खाना व पीना शामिल हैं। रोमछिद्र खोलने के लिए नीम, एलोवेरा का साबुन प्रयोग में लेने के लिए कहते हैं।
नुस्खे :
- नीम और एलोवेरा को प्रयोग में लेते हैं। त्रिफला को तवे पर भस्म के रूप में तैयार कर सरसों के तेल में मिला लें। इसके बाद घर का देसी घी, पानी व थोड़ी फिटकरी में डालकर त्वचा पर लगाते हैं।
- पुराना नींबू भी प्रभावित हिस्से पर लगाने की सलाह देते हैं।
- सुबह उठते ही बासी थूक (लार) दाद पर लगाने से लाभ होता है। क्योंकि रातभर मुंह की कोई भी गतिविधि न होने से लार में टायलिन नामक एंजाइम्स बन जाते हैं। जो दाद के फंगस को मारते हैं।
Published on:
11 Aug 2019 03:07 pm
बड़ी खबरें
View Allरोग और उपचार
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
