
ICU Machines
आईसीयू यानी इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल की एक ऐसी इकाई है जहां गंभीर रोगों से ग्रसित, ऑपरेशन व ट्रॉमा के मरीजों की सघन चिकित्सा की जाती है। बीमारी के हिसाब से न्यूरो, सर्जिकल व मेडिकल आईसीयू अलग-अलग होते हैं। ऐसे में इनकी मशीनें और चिकित्सा भी भिन्न-भिन्न होती हैं। सीओपीडी, मल्टीऑर्गन फेल्योर व जिन्हें फिजिशियन रेफर करते हैं उनका इलाज मेडिकल आईसीयू में किया जाता है। आइए जानते हैं मेडिकल इंटेंसिव केयर यूनिट के बारे में-
वेंटीलेटर
जब सारे अंग काम करना बंद करने लगते हैं तो यह मशीन जीवनदायी बनती है। यह रोगी को एक एंडोट्रेकियल ट्यूब की मदद से उसे सांस लेने में मदद करती है। इस ट्यूब को रोगी की सांसनली में लगाया जाता है।
इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राफी
यह ईईजी मशीन दिमाग की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज को रिकॉर्ड करती है। यह दिमाग की कार्यविधि में किसी भी कारण से होने वाली गड़बड़ को रिकॉर्ड करके बता देती है।
डायलिसिस मशीन
कि डनी की समस्या वाले रोगियों के लिए यह सबसे जरूरी है। इसकी मदद से रक्त को बाहर निकालकर शुद्ध किया जाता है और वापस शरीर में डाला जाता है। इस शुद्धीकरण के लिए डायलाइजर नामक छलनी का प्रयोग किया जाता है। रक्तसे यूरिया और क्रिएटिनिन की गंदगी को निकालने के लिए डायलिसिस कई तरह का होता है जो रोगी की स्थिति को देखकर किया जाता है।
सेंट्रल लाइन
यह डायलिसिस, दवाई देने या खून निकालने के लिए गर्दन के पास लगाई जाने वाली कैथेटर यूनिट है। इसे सबसे बड़ी और गहरी शिरा में लगाया जाता है।
पल्स ऑक्सीमीटर
रोगी की अंगुली या अंगूठे में एक क्लिपनुमा प्रोब लगा दिया जाता है जो इस मशीन से जुड़ा होता है और रोगी के खून में ऑक्सीजन को मापता है।
ईईजी बॉक्स/इलेक्ट्रोड्स
मस्तिष्क में एक साथ कई एक्टिविटीज होती हैं। एक ही समय में चल रही किसी खास एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए मल्टीपल इलेक्ट्रोड्स भी लगाए जाते हैं जो उस एक्टिविटी की मैपिंग करते हैं।
आईसीयू मैट्रेस
आईसीयू में मरीज को लंबे समय तक सीधे लेटे रहना होता है इसलिए यहां मौजूद गद्दों में हवा या पानी होता है ताकि यह सपाट रहे व रोगी की कमर में किसी तरह की समस्या न हो।
बेडसाइड मॉनिटर
टीवी जैसा मॉनिटर इस यूनिट की खास मशीन है। यह सभी रोगियों के लिए जरूरी है। इसके जरिए हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, ईसीजी व वाइटल संकेतों पर नजर रखी जाती है।
इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प
यह खून की नली में दवाइयों को लिक्विड के रूप में भेजता है। सभी आईसीयू में यह सबसे पहले उपयोग में लाई जाने वाली मशीन है।
फीडिंग ट्यूब व पम्प
यह एक पतली नली होती है जो नाक के जरिए पेट तक पहुंचती है। इसी के जरिए रोगी को खाना दिया जाता है। इसका उपयोग पेट में जमा खाने को बाहर निकालने में भी किया जाता है। इस ट्यूब के माध्यम से भोजन तरल के रूप में सीधे पेट यानी आमाशय तक पहुंच जाता है।
रेस्ट्रेंट्स
यह नरम कपड़े के बने बंधन हैं जो उत्तेजित रोगी के दोनों हाथों को जकड़ कर रखने के लिए होते हैं। मरीज की उत्तेजना की स्थिति में यह रेस्ट्रेंट्स लगाने पड़ते हैं।
कैथेटर
अक्षम रोगी पेशाब नहीं जा सकता इसलिए उसके ब्लैडर में एक कैथेटर ट्यूब लगा दी जाती है। यह ट्यूब यूरिन को एक पाउच में जमा करती रहती है।
कम्प्रेशन स्टॉकिनेट्स
रोगी के अक्षम होने पर यह मशीन पैरों की मांसपेशियों को दबाती है जिससे उसकी नसों में खून का थक्का न जमने पाए।
ये भी जरूरी
इनके अलावा आईसीयू में ईसीजी, एबीजी, सोनोग्राफी, पोर्टेबल एक्स-रे और इमरजेंसी दवाएं भी होनी चाहिए। ये कुछ अस्पतालों में मौजूद होती हैं व कुछ में नहीं। एसएमएस अस्पताल में ये सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
Published on:
23 Jun 2018 04:35 am
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