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कई समस्याओं में कारगर है मीठा नीम

मीठे नीम (कड़ी पत्ता) के पत्ते विशेषकर कढ़ी में डाले जाते हैं। इसीलिए मराठी भाषा में इसे ‘कढ़ी निम्म’ के नाम से भी जाना जाता है।

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Sweet Neem

Sweet Neem

मधुर सुगन्ध वाला होता है
मीठे नीम का वृक्ष छोटा और मधुर सुगन्ध वाला होता है। इन्हें बगीचों में भी उगाया जाता है। इसके फूल छोटे, सफेद और कलंगी के समान होते हैं। इसके पत्ते एक-डेढ़, इन्च लम्बे तथा सुगन्धयुक्त होते हैं। मीठे नीम के पत्ते सुगन्ध लाने के लिए ही कढ़ी में डाले जाते हैं। इन पत्तों का उपयोग चटनी और मसालों में होता है। इन पत्तों में से उर्ध्वगमनशील तेल निकलता है। मीठे नीम के पत्ते शीतल, कटु, तिक्त और कुछ कसैलापन लिए हुए तथा लघु हैं। इनमें विटामिन ‘ए’ अधिक मात्रा में है।
मीठे नीम के फायदे
इन पत्तों को जहरीले जन्तुओं के डंक पर भी लगाया जाता है। कीड़े-मकोड़े बिच्छू ततैया काटने पर इसे लगाया जाता है। मीठा नीम सड़न और स्किन के विकारों को दूर करता है। इसकी छाल और मूल उत्तेजक, मृदु और रेचक है। ये पाचन और आमाशय के लिए पौष्टिक है। उसके पत्तों में से तेल व ग्लूकोसाइड मिलता है। पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टी होना बन्द होती है। पत्तों को पानी के साथ पीसकर छानकर पीने से खूनी दस्त और रक्तार्श मिटते हैं। चबाकर खाने से पेचिश मिटती है।
प्रयोग विधि
मीठे नीम की पत्तियां (करी पत्ता) खाने में खुशबू व स्वाद बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य के लिहाज से भी गुणकारी हैं। लंदन के किंग्स कॉलेज में हुए शोध के अनुसार यह खून में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित करने में सहायक है।
इसकी 10-20 पत्तियों को दो सौ मिलिलीटर पानी में उबालें। आधा बचनेे पर इसे छान लें। दो-दो चम्मच 15-15 मिनट के अंतराल पर लेने से उल्टी की समस्या दूर होती है। मूंग की दाल में तड़का लगाकर खाने से अपच में लाभ होता है।