
stuck in throat
छोटे बच्चे अनजाने में वे चीजें भी मुंह में ले लेते हैं जिन्हें खाना नहीं चाहिए और ये भोजन या सांस- नली में फंसकर जानलेवा हो सकती हंै। हाल ही एक साल के बच्चे की श्वास नली में चॉकलेट फंसने से मौत हो गई। ऐसी किसी भी स्थिति में लक्षणों को तुरंत पहचानकर चिकित्सक से परामर्श करें।
भोजन-नली में फंसने पर लक्षण: कई बार बच्चे सिक्के, प्लास्टिक के टुकड़े, पेन का ढक्कन या पिन वगैरह निगल लेते हैं। वहीं खाने की ठोस चीजें कभी-कभी गले में जाकर भोजन नली में फंस जाती हैं। ऐसे में गले में दर्द, निगलने में तकलीफ, लगातार लार आना व असहज होने जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
सांस-नली में अटकने पर: विशेषकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मूंगफली का दाना, बादाम गिरी, चना, तरबूज-खरबूज के बीज, नट्स, प्लास्टिक की छोटी सीटी आदि गले से सांस-नली में पहुंच जाते हैं। यह स्थिति इमरजेंसी की भी हो सकती है। इस दौरान खाते-खाते एकदम से लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ,सांस में आवाज व घबराहट जैसे लक्षण हो सकते हैं। ज्यादा दिन बीतने पर बार-बार बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
इलाज : सबसे ज्यादा परेशानी सांस-नली में फंसने पर होती है। ऐसे में एक्सरे या दूरबीन की मदद से फंसी हुई चीज की स्थिति देखी जाती है। अगर स्थिति इमरजेंसी की हो तो ब्रोंकोस्कोपी से फंसी चीज को तुरंत निकालना जरूरी होता है अन्यथा बच्चे की सांस में रुकावट के चलते जान पर बन आती है। यह सुविधा गिनी-चुनी जगहों, विशेषकर मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में उपलब्ध रहती है। वहीं भोजन-नली में फंसी वस्तु को इसोफेगोस्कोपी की मदद से बाहर निकाला जाता है।
कभी-कभी ये चीजें अपने आप ही पेट में जाकर मल-मार्ग से बाहर निकल जाती हैं। ध्यान रखें : किसी भी वस्तु के फंसने का पता लगते ही तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। खुद डॉक्टर न बनें न ही किसी झोलाछाप की बातों में आएं। बच्चों को सिक्के, प्लास्टिक की छोटी चीजें या ऐसी कोई वस्तु न दें जिससे ऐसी समस्या हो। कोई भी चीज लेटाकर न खिलाएं। न ही खेलते समय खाने के लिए कुछ दें।
चीज फंसी होने पर बच्चों को कुछ भी न खिलाएं-पिलाएं क्योंकि जनरल ऐनेस्थेसिया देने की स्थिति में बच्चे का खाली पेट होना जरूरी होता है।
Published on:
20 Jun 2018 04:43 am
बड़ी खबरें
View Allरोग और उपचार
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
