
Dungarpur : angry people locked the bank
डूंगरपुर जिले के पूंजपुर में बुधवार को देश में पहली बार नोटबंदी का विरोध देखने को मिला। यहां लोगों पर नोट न मिलने का गुस्सा इस कदर था कि ग्रामीणों ने बैंक के अफसरों और कर्मचारियों को भीतर बंद कर ताला डाल दिया। डेढ-दो घंटे की समझाइश के बाद बैंक का ताला खोला जा सका। हालांकि अभी तक कुछ राजनीतिक पार्टियों के द्वारा नोटबंदी का विरोध जरूर किया गया है। लेकिन आम लोगों के द्वारा बड़े स्तर पर पहली बार विरोध किया गया है।
दरअसल पूंजपुर गांव की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा पर पर्याप्त राशि नहीं मिलने की जानकारी पर गुस्साए ग्रामीणों ने बैंक कार्मिकों को एक घंटे तक बैंक परिसर में ही बंद कर दिया।
बैंक के बाहर सुबह साढ़े छह बजे से ही लोगों की कतार लगना शुरू हो गई थी। सुबह तय समय पर कार्मिक भी पहुंचे, लेकिन काम शुरू होने से पहले शाखा प्रबंधक आरके मीणा ने कहा कि उपभोक्ताओं को देने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है। राशि जमा हो सकती है। यह सुनते ही लोग भड़क गए। उन्होंने बैंक का शटर खींचकर कार्मिकों को अंदर बंद कर दिया।
मौके पर मौजूद काब्जा के पूर्व सरपंच लालजी पाटीदार, शिवराम पाटीदार सहित ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि दो दिन से कतार में खड़े हैं। बैंक में मुश्किल से हजार से दो हजार रुपए मिल रहे हैं।
सुबह बैंक खुलते ही राशि नहीं होने की बात कही गई, इसलिए मजबूरी में शटर बंद करना पड़ा। बाद में पुलिस ने लोगों से समझाइश कर 11 बजे शटर खुलवाया। इसके बाद कार्मिक आसपुर जाकर राशि लाए और उपभोक्ताओं को दी। ग्रामीणों ने बताया कि शाखा का एटीएम भी बंद है। ऐसे में लोगो को दिक्कतें हो रही हैं।
इनका कहना है
शाखा में मांग के अनुसार राशि नहीं मिल पा रही है। हम व्यवस्था संभाल रहे हैं। आज हमने पांच लाख की डिमांड कर रखी है। उपभोक्ताओं को संयम दिखाना चाहिए। एक घंटे तक शटर बंद करने से कामकाज भी प्रभावित हुआ।
आरके मीणा,शाखा प्रबंधक,बीओबी,पूंजपुर
Published on:
30 Nov 2016 08:13 pm
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