होली त्योहार के आमली ग्यारस से बाजार में फिर से रोनक लौटने लगी है। गुरुवार को सुबह तक बाजार फीका था, लेकिन इसके बाद कुछ चहल पहल बढ़ी और देखते ही देखते गेपसागर की पाल, सर्राफा बाजार, दर्जीवाड़ा, कानेरा पोल, नया बस स्टैण्ड़ स्थित दुकानों में ग्राहकों की भीड़ होने लगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे लोग ढूंढिया, फैयरू सहित रंग, पिचकारी, कपड़े, जूते आदि की खरीद में जुटे। गेपसागर की पाल से लेकर नया बस स्टैंड तक नई अस्थायी दुकानें सजी है। इन दुकानों पर भी ग्रामीणों जमकर खरिदार करने रहे है।
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शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ढूंढोत्सव की धूम है। लोग गाजे-बाजे के साथ ढूंढिया लेकर बहन-बेटी के ससुराल जा रहे हैं। सामाजिक भोज के आयोजन भी शुरू हो चुके हैं। ढूंढोत्सव को लेकर परिवारों में विशेष उत्साह है।
डूंगरपुर जिले के अधिकांश लोग गुजरात व महाराष्ट्र राज्य में रोजगाररत है। यह लोग होली के त्योहार पर अपने घर आते हैं। यह प्रवासी अलग-अलग संसाधनों से अपने घर लौट रहे हैं। निजी बसों, रेल व जीपों में भीड़ का माहौल है। वहीं, प्रवासी होली के बाद दशामाता पर्व मनाने के बाद वापस रोजगार के लिए गुजरात व महाराष्ट्र के लिए रवाना होंगे। होली त्योहार को लेकर रेलवे ने महाराष्ट्र से उदयपुर वाया डूंगरपुर रेल सेवा भी अस्थाई तौर पर शुरू की है।
बाजार में पिचकारियों और रंगों की स्टॉल्स सज चुकी हैं। पिचकारी पर महंगाई की मार है। बाजार में 20 से लेकर 2000 रुपए तक की पिचकारियां उपलब्ध हैं। वहीं गुलाल के भाव एक पाऊच के दस रुपए से शुरू हो रहे हैं और 120 रुपए तक के पाऊच उपलब्ध है।
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