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पितृ पक्ष 2018 : बिना कुंडली के जानें कहीं आप भी तो नहीं पितृ दोष के शिकार

पितृ पक्ष पर करें कुंडली में मौजूद पितृ दोष का निवारण, पितृ ऋण से व्यक्ति को मिलता है अपमान

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पितृ पक्ष 2018 : बिना कुंडली के जानें कहीं आप भी तो नहीं पितृ दोष के शिकार

नई दिल्ली। पितरों की आत्मा की शांति और उनसे आशीर्वाद पाने के लिए लोग पितृ पक्ष पर श्राद्ध क्रिया करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है हमारे पूर्वजों के हमसे नाराज होने पर कुंडली में कई तरह के दोष लगते हैं। इन्हीं में से एक है पितृ दोष। जिनकी कुंडली में ये दोष होता है वो जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाते हैं।

1.पितृ दोष को सबसे घातक माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में यह दोष पाया जाता है उसके जीवन में हमेशा बाधाएं आती रहती हैं। उसकी नौकरी से लेकर वैवाहिक जीवन तक सबकुछ अस्त-व्यस्त रहता है।

2.वैसे तो ये दोष उन लोगों को लगता है जिनसे उनके पूर्वज नाराज रहते हैं। यानि जिन लोगों के खानदान में उनकी सात पुश्ते खुश नहीं है, उन्हें ये दोष लगता है।

3.इसके अलावा यदि किसी की कुंडली में गुरु ग्रह पर दो अशुभ ग्रहों की छााया हो या गुरु ग्रह चौथे, आठवें एवं बारहवें भाव में हो तब भी लोगों को पितृ दोष का नुकसान झेलना पड़ता है।

4.पितृ दोष की पहचान का सबसे आसान तरीका कुंडली से ग्रह नक्षत्रों का पता करना होता है, लेकिन जिन लोगों की कुंडली नहीं बनी है व उन्हें अपना जन्मांक नहीं पता है ऐसे में वो कुछ संकेतों के जरिए उन पर पितृ दोष के प्रभाव को जान सकते हैं।

5.पितृ दोष भी कई तरह के होते हैं। इसके तहत पितृ ऋण, मातृ ऋण, स्त्री ऋण आदि शामिल होते हैं। जो लोग पितृ ऋण से पीड़ित होते हैं ऐसे लोगों को संतान से कष्ट झेलना पड़ता है। ऐसे लोगों के बच्चे अस्वस्थ रहते हैं। साथ ही बुरी संगति में फंस जाते हैं, जिससे वो उनका अपमान करते हैं।

6.जिन लोगों पर मातृ ऋण होता है ऐसे लोग कभी तरक्की नहीं कर पाते हैं। उनका पैसा बेवजह खर्च होता रहता है। उन पर कर्ज का भी बोझ पड़ जाता है। इन्हें किसी से मदद नहीं मिलती है।

7.अगर आपने या आपके खानदान में कभी किसी ने स्त्री का अपमान किया होता है तो उन्हें भी दोष लगता है। वो स्त्री ऋण के तले दबे होते हैं। ऐसे लोगों को कभी संतान की प्राप्ति नहीं होती है। इसके अलावा इनके विवाह में भी बहुत अड़चनें आती हैं। अगर विवाह हो जाए तो वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता है। इन्हें जिंदगी-भर स्त्री सुख से वंचित रहना पड़ता है।

8.यदि आप पर बहन का ऋण है तो आपको कभी भी व्यापार या नौकरी में स्थायित्व नहीं मिल सकता है। आपको जीवन में हमेशा संघर्ष करते रहना होगा। ऐसे लोगों को 28 से 36 वर्ष की आयु के बीच ज्यादा तकलीफ झेलनी पड़ सकती है।

9.यदि किसी पर पितृ ऋण है और वो ब्राम्हण कुल से है तो इसे ब्रम्ह दोष भी माना जा ता है। ऐसे लोगों से पूर्वज नाराज होने पर व्यक्ति को समाज में कभी सम्मान नहीं मिलता है। इनकी किसी से नहीं बनती है। सब इनका तिरस्कार करते हैं।

10.इन सबके अलावा पितृ दोष का एक और कारण है वो है गुरु, शनि, राहु और केतु का खराब भाव में होना। ऐसा होने पर व्यक्ति को धोखा मिलता है। जिससे उन्हें धन, सम्पत्ति आदि का नुकसान हो सकता है। ऐसे लोगों को कोर्ट-कचहरी के भी चक्कर काटने पड़ते हैं।