
काला हिरण मामला : ब्लैकबग के सींग समेत इन चीजों से बनती हैं महंगी दवाइयां, जानें इनसे जुड़ी 10 बातें
नई दिल्ली। जोधपुर के काले हिरण शिकार मामले में फंसे एक्टर्स की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। कोर्ट ने सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और दुष्यंत सिंह को दोबारा नोटिस भेजे हैं। मालूम हो कि मूवी हम साथ-साथ हैं कि शूटिंग के दौरान ये सभी एक्टर्स शिकार पर निकले थे। तभी उन्होंने काले हिरण को मारा था। काला हिरण आज दुनिया के दुर्लभ प्रजाति के जानवरों में से एक है। इसकी खूबियों के चलते इनका शिकार हो रहा था। हालांकि सरकार ने पिछले कुछ सालों से इस बात पर सख्ती दिखाते हुए इनके शिकार पर रोक लगा रख है।
1.ब्लैकबग को भारत में काले हिरण के नाम से भी जाना जाता है। ये जीनस एंटीलोप प्रजाति के सदस्य होते हैं। इसमें नर ब्लैकबग का वजन 20 से 57 किलोग्राम होता है। तो वहीं मादा ब्लैकबग का वजन 20 से 33 किलोग्राम होता है।
2.नर काले हिरण की सींगे मुड़ी हुई होती हैं। इनकी लंबाई 35 से 75 सेंटीमीटर तक होती हैं। इसके सींग में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिसके चलते इनसे कई दवाइयां बनाई जाती हैं। इससे कैंसर जैसे घातक रोग के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।
3.चूंकि काला हिरण एक दुर्लभ प्रजाति का जानवर है इसलिए इसकी सींगों की कीमत भी करोड़ों में है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मुंह मांगी कीमत मिलती हैं। हालांकि ये काम गैरकानूनी होने के चलते इसका व्यापार चोरी छिपे किया जाता है।
4.काले हिरण की खाल भी काफी मंहगी होती है। क्योंकि ये काफी गर्म होते हैं और चमकदार भी। इसलिए इनका इस्तेमाल मंहगे कालीन बनाने, जूते, बैग आदि में किया जाता है।
5.काले हिरण का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और लैक्टोस पाए जाते हैं। ये शरीर को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
6.नर काले हिरण में 20 क्रोमोसोम्स जबकि मादा हिरण में 31 क्रोमोसोम्स होते हैं। पुरुष हिरण के मुकाबले मादा ब्लैकबग का शारीरिक विकास जल्दी होता है। वो 8 महीने में ही बड़ी हो जाती हैं। जबकि मेल ब्लैकबग को इसमें एक से डेढ़ साल का वक्त लगता है।
7.काले हिरण की आयु 10 से 15 साल की होती है। ये भारत के उत्तरी-पश्चिमी रेगिस्तानों और पहाड़ों के पास पाए जाते हैं।
8.इन्हें जिंदा रहने के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए ये नदी के पास रहना ज्यादा पसंद करते हैं। ये गर्म जलवायु में रहने वाले जीव हैं।
9.काले हिरण की प्रजाति खत्म होने के डर से सरकार ने इनके शिकार पर रोक लगा दिया है। भारत में वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत इनके शिकार पर बैन है।
10.काले हिरणों की तेजी से घटती संख्या को देखते हुए गुजरात के नेशनल पार्क, बिहार के कैमूर वाइड लाइफ सेंचुरी आदि के जरिए इनके सरंक्षण का काम किया जा रहा है।
Updated on:
20 May 2019 01:53 pm
Published on:
20 May 2019 01:51 pm
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