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ये 10 बातें बताती हैं भगवान का अस्तित्व, जानें आस्था है या विज्ञान

God exist or not : भगवान की उत्पत्ति का सार ब्रम्हांड की रचना में छिपा हुआ है ईश्वर के वजूद को लेकर बाइबल में तर्क दिए गए है इसके मुताबिक भगवान ने सभी चीजों की रचना की है

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ये 10 बातें बताती हैं भगवान का अस्तित्व, जानें आस्था है या विज्ञान

नई दिल्ली। भगवान ( God )का अस्तित्व है या नहीं इस बात को लेकर सदियों से बहस चली आ रही है। कुछ लोग जहां इसे महज अंधविश्वास मानते हैं तो वहीं कुछ लोगों के लिए ये आस्था का सवाल है। आस्था और अंधभक्ति के इस खेल को परखने के लिए वैज्ञानिकों (Scientist ) ने भी कई दावे किए हैं। जिसमें ईश्वर के वजूद को लेकर कुछ तर्क दिए गए हैं। तो क्या है वो बातें आइए जानते हैं।

1.भगवान की उत्पत्ति कैसे हुई इस बात का उदाहरण कई धार्मिक ग्रंथों में देखने को मिलता है। ईसार धर्म ग्रंथ बाइबल ( Bible )के प्रथम अध्याय " इन द बिगनिंग गॉड" में ईश्वर के महत्व को बताया गया है। इसके मुताबिक इस धरती और स्वर्ग को ईश्वर ने ही बनाया है।

2.जीवन और मृत्यु एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जिंदगी का मतलब है किसी नई चीज का विकास। वहीं मृत्यु का मतलब है सांसारिक चीजों को त्यागकर ईश्वर में लीन होना। आध्यात्मिक किताबों के अनुसार मरने के बाद व्यक्ति को स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है। ये व्यक्ति के कर्मों पर आधारित होता है। इस बात की पुष्टि साल 2008 में हार्वर्ड के एक तंत्रिका वैज्ञानिक इबेन एलेक्जेंडर तृतीय ने किया। उनके दावे के अनुसार उनका ब्रेन डेड करीब एक सप्ताह तक कोमा में रहने के चलते पूरी तरह से बंद हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने स्वर्ग के वातावरण को महसूस किया।

3.वैज्ञानिक इबेन की बात को परखने के लिए उनके मस्तिष्क की जांच की गई। डॉक्टरों ने पाया कि मस्तिष्क का वो हिस्सा जो सुनता है, समझता है और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है वह पूरी तरह बेकार हो चुका था। इसके बावजूद इबेन कोमा से जागने के बाद अलौकिक अनुभव की बातें बता रहे थें ये हैरान करने वाली चीज है। ये ईश्वर के अस्तित्व को साबित करती है।

4.कहते हैं दुनिया में मौजूद सभी छोटे-बड़े जीवों की रचना ईश्वर ने ही की। तभी इनका सबूत वर्ष 1725 में जर्मनी एबेल्स्टाड पर्वतों पर देखने को मिला। इसमें छिपकली, मेढ़क, मकड़ी, मछली के चेहरे वाले पक्षी, चांद, सितारों के आकार में कटे हुए कुछ चूना पत्थर मिले थे। उनमें से बहुत से पत्थरों पर हीब्रू, लैटिन और प्राचीन अरबी भाषा में ईश्वर का नाम लिखा हुआ था। इस बात की खोज वर्जबर्ग विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन जोहान बार्थलोमियस एडम बेरिंग ने की थी।

5.जोहान के मुताबिक ईश्वर जिस स्वरूप में आकृतियां बनाना चाहता था। उन्हें पहले पत्थर पर उकेरा गया और उसके बाद उनमें जान डाली गई। ईश्वर के अस्तित्व को साबित करने के लिए इनमें से कई पत्थरों को नीदरलैंड्स के टेलर्स म्यूजियम और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी म्यूजियम में भी सहेजकर रखा गया है।

6.ईश्वर से जन्म और मृत्यु के भी तार जुड़े हैं, इसलिए माना जाता है कि व्यक्ति की आत्मा जब परमात्मा में लीन हो रही होती है तब उसे सुरंग में से एक तेज रौशनी आते हुई दिखती है। इस बात की पुष्टि बेल्जियम के न्यूरोलॉजिस्ट स्टीवन लॉरिस, जोकि यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (बेल्जियम) के कोमा साइंस ग्रुप ने की है। उन्होंने कई मरीजों पर परीक्षण कर पाया कि जब वे मरने वाले थे तब उनका दिमाग कोमा में जा रहा था। उस वक्त उनके शरीर में सिहरन होती है और उन्हें एक सुरंग में जाने का अहसास होता है।

7.भगवान के होने न होने का सबूत ब्रम्हांड की उत्पत्ति से जुड़े हुए है। वैज्ञानिकों का मानना है कि महाविस्फोट के जरिए श्रृष्टि की उत्पत्ति हुई है। जबकि आध्यात्मिक तौर पर ईश्वर की मर्जी के बिना इन चीजों का निर्माण संभव नहीं है। चूंकि वैज्ञानिक आज तक बिग बैंग यानि महाविस्फोट के होने का कारण नहीं खोज सके हैं इसलिए इसे भगवान का चमत्कार माना जाता है।

8.भगवान के होने का दूसरा प्रमाण प्रकृति को देखकर भी लगता है। क्योंकि दुनिया में कई तरह के जीव-जंतु मौजूद हैं। इनमें इंसान भी शामिल है। इन सबकी उत्पत्ति अचानक धरती पर कैसे हुई इस बात का पता आज तक वैज्ञानिक नहीं लगा पाए हैं, इसलिए इसे ईश्वर की रचना मानी जाती है।

9.मानव शरीर की संरचना का गठन भी भगवान के चमत्कार के तौर पर देखा जाता है। क्योंकि कैसे एक व्यक्ति का जन्म होता है और वो कैसे विकसित होता है, इन सबके पीछे का साइंस ईश्वर में ही समाया हुआ है। क्योंकि इन आर्गेन्स का विकास कैसे हुआ और कैसे एक नन्हें से जीव को जीवन मिलता है ये सारी गुत्थी अभी तक अनसुलझी है।

10.आध्यात्मिक रूप से ईश्वर का वास इंसान के अंदर होता है। तभी एक व्यक्ति चाहे तो वो कुछ भी कर सकता है। मगर एक मामूली से इंसान में इतनी ताकत कहां से आती है, ये एक चमत्कार की तरह लगता है।