
निर्मला सीतारमण सुबह उठते ही करती हैं ये काम, जानें उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी 10 बातें
नई दिल्ली। बीजेपी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद कैबिनेट में एक बार फिर निर्मला सीतारमण अपनी जगह बना ली है। इस बार उन्हें वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। इसी के साथ निर्मला देश की दूसरी ऐसी महिला बन गई हैं जिन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले ये दायित्व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उठाया था। आज हम आपको निर्मला सीतारमण की कामयाबी और उनसे जुड़ी निजी जिंदगी के कुछ पहलुओं के बारे में बताएंगे।
1.निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 में चेन्नई के मदुराई में हुआ था। हालांकि उनकी परवरिश तमिलनाडू में हुई है। उन्होंने अपनी स्नातक और मास्टर की पढ़ाई अर्थशास्त्र में की है। जबकि मास्टर्स की डिग्री जेएनयू से ली है। यही से उन्होंने उन्होंने एम फिल की पढ़ाई भी की है।
2.निर्मला सीतारमण की अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ है। मगर दक्षिण प्रांत से होने के चलते उनकी हिंदी भाषा कमजोर है।
3.निर्मला सीतारमण की राजनीति में छवि एक कद्दावर नेता की है। वो सटीक तरीके से अपनी बात को कहने में यकीन रखती हैं।
4.निर्मला खुद को इस प्रतियोगिता की दौड़ में हमेशा आगे बनाए रखना चाहती हैं। इसी के चलते वो सुबह सबसे पहले उठकर करीब 9 अलग-अलग अखबार पढ़ती हैं। इसमें उन्हें करीब 3 घंटे का वक्त लगता है।
5.निर्मला का राजनीति से नाता काफी पुराना रहा है। दरअसल उनके सास-ससुर कांग्रेस पार्टी के एमएलए रह चुके हैं। उनके ससुर पराकला शेशवथारम सन् 1970 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे हैं।
6.निर्मला ने राजनीति में एंट्री लेने के लिए बीजेपी को चुना। उन्होंने साल 2006 में पार्टी ज्वाइन की थी। उनकी काबलियत को देखते हुए वो जल्द ही पार्टी की छठी प्रवक्ता बन गईं।
7.उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो निर्मला सीतारमण की उनके पति से मुलाकात जेएनयू में हुई थी। उनका नाम डॉ. पराकला प्रभाकर है। निर्मला से उनसे शादी सन् 1986 में हुई थी।
8.निर्मला राजनीति के क्षेत्र में जितनी धाकड़ हैं, असल जिंदगी में वो उतनी ही नर्म दिल इंसान हैं। इस बात का सबूत उनकी प्रेगनेंसी के दौरान देखने को मिला था। दरअसल साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। उस दौरान निर्मला प्रेगनेंट थी। राजीव के मर्डर की बात निर्मला बर्दाश्त नहीं कर सकीं और बेचैन हो गईं जिसके चलते उन्हें डिलीवरी में दिक्कतें आईं। इसी कारण उन्हें चेन्नई के एक अस्पताल में तीन दिनों तक रुकना भी पड़ा था।
9.निर्मला सीतारमण बेबाक होकर अपनी बात रखने में यकीन रखती हैं। इसी के चलते कई बार लोगों से उनके वैचारिक मतभेद हो जाते हैं। साल 2014 में भी ऐसा ही एक वाक्या देखने को मिला था। जिसमें निर्मला की सुषमा स्वराज से सीमांधरा मामले को लेकर ट्विटर पर गहमागहमी हो गई थी।
10.निर्मला सीतारमण को महिलाओं के प्रति किए गए उनके विशेष योगदान के लिए भी जाना जाता है। वो नेशनल कमीशन फॉर वुमेन की दो साल तक मेंबर रह चुकी हैं।
Published on:
31 May 2019 04:47 pm
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