
इस मंत्र के साथ करें तुलसी विवाह का पूजन, पूरी होगी सारी मनोकामनाएं
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। माना जाता है कि घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने से घर में समृद्धि आती है और अगर तुलसी जी का विवाह भगवान शालीग्राम यानि विष्णु जी से कराया जाए तो घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। तो क्या है तुलसी विवाह के पूजन की विधि आइए जानते हैं।
1.चूंकि तुलसी विवाह एकादशी के दिन होता है इसलिए इस दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। अगर इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाए तो व्रत का फल दोगुना मिलता है। अगर आप नदी में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं तो नहाते समय पानी में एक ढक्कन गंगाजल डालकर नहाएं।
2.नहाने के बाद सूर्य देव को तांबे के कलश में जल भरकर अघ्र्य दें। इस दौरान थोड़ा गंगाजल हाथ में लेकर व्रत का संकल्प लें। ऐसा करने से भगवान की आप पर कृपा होगी।
3.चूंकि हिंदू धर्म में तुलसी विवाह एक बड़े समारोह की तरह होता है इसलिए उनके विवाह का कार्यक्रम भी भव्य तरीके से किया जाना चाहिए। इसके लिए तुलसी जी के गमले को साफ करके उसे चूने एवं गारे से रंगें। फिर शाम को साड़ी एवं फूलों से मंडप बनाकर उसमें तुलसी के पेड़ को रखें।
4.अब तुलसी जी के पेड़ के पास शालिग्राम अर्थात भगवान विष्णु की काले रंग की मूर्ति रखें। यदि विष्णु जी की काली मूर्ति उपलब्ध न हो तो भगवान विष्णु की कोई भी मूर्ति या फोटो रख लें।
5.अब सबसे पहले गणेश भगवान का ध्यान करें और ओम गं गणपतये नम: मंत्र का जप करें। इसी दौरान भगवान विष्णु का भी आवाहन करें। उस वक्त "आगच्छ भगवन देव अर्चयिष्यामि केशव। तुभ्यं दास्यामि तुलसीं सर्वकामप्रदो भव"। मंत्र का जप करें।
6.अब तुलसी मां एवं विष्णु जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर उनकी आराधना से विष्णु भगवाना को निद्रा से जगाएं। विष्णु जी को पीले वस्त्र ओढ़ाएं, जबकि माता तुलसी को लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं। आप केसरी या हरे रंग की चुन्नी भी चढ़ा सकते हैं।
7.इसके बाद भगवान को पुष्प एवं माला अर्पित करें और कांसे के पात्र में उन्हें दही, घी एवं शहद अर्पण करें। विष्णु जी को काले तिल चढ़ाएं। वहीं मां तुलसी को श्रृंगार का सामन जैसे- चूड़ियां, बिंदी, नथ, मेंहदी, साड़ी-ब्लाउज, चुनरी आदि चढ़ाएं।
8.अब तुलसी जी और शालिग्राम के फेरे करवाएं। इस दौरान "ऊं तुलस्यै नम:" मंत्र का जप करें। इसके बाद कन्यादान का संकल्प लेकर विष्णु भगवान से तुलसी माता को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने की प्रार्थना करें।
9.तुलसी विवाह के दिन जागरण करना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन विधिवत तरीके से पूजन करने और रातभर भक्ति गीत गाने से भगवान प्रसन्न होते हैं। इससे जातक को कभी धन की कमी नहीं होती है और उसका जीवन उन्नतशील बनता है।
10.तुलसी विवाह के दिन व्रत रखा जाता है, जिसका पारण अगले दिन सुबह किया जाता है। व्रत तोड़ने से पहले हवन करें। इस दौरान खीर, घी, शहर और तिल के मिश्रण से 108 बार आहूतियां दें। बाद में किसी ब्राम्हण को दान दें।
Published on:
18 Nov 2018 09:52 am
बड़ी खबरें
View Allदस का दम
ट्रेंडिंग
