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निर्भया के दोषियों को हो सकती है फांसी, सूली पर चढ़ाने से पहले इन 10 बातों का रखा जाता है ध्यान

Fasi KI Saza : दया याचिका खारिज किए जाने के बाद फांसी की तारीख की जाती है तय इसकी सूचना कैदी को एक हार्ड कॉपी के जरिए दी जाती है

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fasi ki saza

नई दिल्ली। हैदराबाद रेप केस के चारों आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ (Encounter) में हुई मौत से जहां कुछ देशवासियों को राहत मिली है। वहीं दूसरी तरफ निर्भया (Nirbhaya Accused) के दंरिदों पर भी फांसी (Fasi) के फंदे की गिरफ्त भी कसती जा रही है। गौरतलब है कि आरोपियों की दया याचिका खारिज हो सकती है। ऐसे में जल्द ही दोषियों को सजा हो सकती है। अपराधियों को फांसी पर चढ़ाने से पहले जेल प्रशासन को कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं। तो कौन-सी हैं वो अहम बातें आइए जानते हैं।

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1.तिहाड़ जेल प्रशासन के अनुसार आरोपियों की दया याचिका खारिज होने के बाद ब्लैक वारंट जारी किया जाता है। जिसमें उसके फांसी की सूचना कैदी को एक हार्ड कॉपी के जरिए दी जाती है।

2.बॉडी को लटकाए जाने के बाद इसका पोस्टमार्टम किया जाता है। शव को परिजनों को दिया जाना है या नहीं ये सुरक्षा को ध्यान में रखने के बाद फैसला किया जाता है।

3.जेल मैनुअल के अनुसार है फांसी पाने वाले की हर एक्टिविटी पर नजर रखी जाती है। इस दौरान सीसीटीवी से भी देखा जाएगा कि कहीं वो आखिरी टाइम पे खुद को नुकसान न पहुंचा दे।

4.फांसी के वक्त मौजूद एसडीएम आखिरी वक्त पर इच्छा पूछता है, वो विल रिकार्ड करता है। इससे अंतिम समय का पूरा ब्यौरा तैयार किया जाता है।

5.फांसी से पहले कैदी को चाय पिलाई जाती है, काले कपड़े पहनाए जाते हैं। कैदी के दोनों हाथ पीछे से बांध दिए जाते हैं। इसके बाद फांसी के तख्ते पर लाकर उसके पैर को नीचे से बांध दिया जाता है।

6.भारत की तकरीबन हर सेंट्रल जेल में फांसी-घर का निर्माण कराया जाता है। ये फांसी के लिए ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं। इसलिए जिला जेल में रखे जाने वाले कैदियों को भी यहां रखा जाता है।

7.जेल मैन्युअल के तहत जिस दिन कैदी को फांसी दी जाती है। उस दिन दूसरे जेल बाद में खोले जाते हैं। ऐसा सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।

8.कैदी को फांसी देने का इशारा जेल सुपरिटेंडेंट करता है। उनके आदेश पर जल्लाद फंदा डालकर लीवर को खींचता है। ऐसा करते ही लकड़ी के पट्टे जिस पर कैदी खड़ा होता है वो खुल जाता है और वो 12 फीट के गहराई वाले कुएं में चला जाता है।

9.फांसी के बाद कैदी की लाश को दो घंटे तक वैसे ही लटकाकर रखा जाता है। जिससे उसके बचने की कोई उम्मींद न रहे।

10.इसके बाद मेडिकल ऑफिसर फांसी के बाद घोषित करेगा कि उसकी लाइफ खत्म हो चुकी है।