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दर्द मिटाने वाली दवा बना सकती है आपको डिप्रेशन का शिकार, जानें पेनकिलर के नुकसान

locationनई दिल्लीPublished: Sep 10, 2018 01:47:23 pm

Submitted by:

Soma Roy

पेन किलर्स में पाएं जाने वाले रासायनिक तत्व खून को पतला कर उसकी संरचना बदल देते हैं।

pain killers

दर्द मिटाने वाली दवा बना सकती है आपको डिप्रेशन का शिकार, जानें पेनकिलर के नुकसान

नई दिल्ली। अक्सर हम छोटे-मोट दर्द में पेन किलर की दवाइयां खाते रहते हैं। इसे खाते ही हमें तुरंत राहत मिलती है, लेकिन क्या आपको पता है ये दर्द मिटाने वाली दवाइयां आपको जिंदगी भर का दर्द दे सकती हैं। इससे कई घातक बीमारियों का खतरा रहता है।
1.ज्यादातर लोग दर्द होने पर पेन किलर खा लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है ये आपके शरीर को कितना नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल इनमें मॉर्फिन नारकोटिक्स, नॉन स्टेरॉइडल एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स और एसेटैमिनोफेन नॉन नारकोटिक्स जैसे केमिकल्स मिले होते हैं।
2.इन पेन किलर्स की ज्यादा मात्रा लेने से शरीर पर इसके रिएक्शन होने लगते हैं। इससे व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। कई बार तो वो अस्थमा का रोगी भी बन जाता है। इसके अलावा पेन किलर्स के सेवन से सीने में जलन भी पड़ सकती है।
3.पेन किलर्स में मौजूद रसायन गर्म प्रकृति के होते हैं। जिस वजह से ये बॉडी में उत्तेजना पैदा करते हैं। इस कमी को शांत करने के लिए शरीर में बहुत हलचल होती है। जिसके चलते बॉडी का संतुलन बिगड़ जाता है और व्यक्ति की स्किन सिकुड़ जाती है। इससे उम्र ज्यादा दिखने लगती है।
4.एक हॉस्पिटल की एमडी डॉ निकिता त्रेहन के मुताबिक पेन किलर्स के लगातार इस्तेमाल से व्यक्ति की बॉडी को इसकी आदत हो जाती है। ऐसे में बॉडी खुद को रिकवर करना छोड़ देती है। शरीर को बिना पेन किलर के राहत नहीं मिलती है।
5.जो लोग नियमित तौर पर पेन किलर्स का इस्तेमाल करते हैं, वो नशा करने वालों की तरह इस चीज के लती बन जाते हैं। वो बिना दवाई खाए नहीं रह पाते हैं। उन्हें बेचैनी होने लगती है। कई बार तो उन्हें नींद भी नहीं आती है।
6.नारकोटिक विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें नशीली दवाओं की तरह केमिकल मिले होते हैं जो व्यक्ति को इसकी आदत डाल देती है। जिस वजह से शरीर में एडिक्टिव फिजिकल डिपेंडेंसी बढ़ जाती है। जिसके चलते कई बार व्यक्ति को थकान और नींद आने लगती है।
7.पेन किलर में मौजूद एसिटामिनोफेन नामक तत्व के लिए लिवर के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे डाइजेशन में भी समस्या आती है। खाना ठीक से नहीं पचता है और भूख नहीं लगती है।
8.जो लोग ज्यादा पेन किलर का इस्तेमाल करते हैं उनमें डिप्रेशन का खतरा रहता है। इस बात की पुष्टि एक रिसर्च में भी हुई है। इसके तहत जिन लोगों ने 80 व इससे ज्यादा दिनों तक पेन किलर खाया है उनमें मानसिक तनाव ज्यादा होता है। रिसर्च में करीब 53 प्रतिशत लोग दुखी एवं तनावग्रस्त पाए गए।
9.पेन किलर के ज्यादा इस्तेमाल से खून की बीमारियां हो जाती हैं। इसके तहत ब्लड की सरंचना बदल जाती है और खून पतला हो जाता है। इसे ब्लड डिस्क्रीस्यिा बीमारी कहते हैं। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति को रिकवर करने में बहुत वक्त लगता है।
10.पेन किलर्स के ज्यादा इस्तेमाल से दिल की बीमारी हो सकती है। इससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा रहता है। ये इतना घातक है कि डेनमार्क स्थित आरहुस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने इसे किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिलने पर रोक लगाने की बात कही है।
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