
ज्यादातर लोग आत्महत्या करने के लिए सायनाइड का प्रयोग करते हैं। इसे जुबां पर रखने पर से ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। मगर भारत में एक ऐसा भी फल पाया जाता है जो सायनाइड से भी ज्यादा जहरीला है। इसे चखने—भर से व्यक्ति की जान जा सकती है।

ये जहरीला फल भारत के दक्षिण—पूर्व हिस्सों में पाया जाता है। इस पौधे का नाम सरबेरा ओडालम है। इस फल के बीज में सरबेरीन नामक तत्व पाया जाता है जो बहुत विषैला होता है। इसकी कम मात्रा भी शरीर के अंदर जाने पर कुछ मिनटों में ही व्यक्ति की मौत हो सकती है। h

शोधकर्ताओं के मुताबिक विश्व में पाए जाने वाले जहरीले पेड़ों में से सरबेरा सबसे घातक पेड़ है। इसके फल को खाने से पेट और सिरदर्द, उल्टियां, अनियमित धडक़न और डायरिया जैसी समस्याएं से जूझना पड़ता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक इस पेड़ का फल इतना ज्यादा जहरीला है कि इसके आगे सायनाइड और कोबरा सांप का जहर भी कम लगता है। इस फल में पाया जाने वाला एंजाइम शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।

इस पौधे के अन्दर पाया जाने वाला सरबेरीन तत्च एक तरह को डिगॉक्सिन-टाइप कार्डिनोलिड और कार्डियोलिक ग्लाइकोसाइड जहर है, जो हृदय की मांसपेशियों को सिकोड़ देते हैं। इससे दिल की धड़कन रुक जाती है।

इस फल को खाने से व्यक्ति का नर्वस सिस्टम फेल हो जाता है। जिससे शरीर के दूसरे अंग काम करना बंद कर देते हैं। इससे व्यक्ति पैरालाइज्ड हो जाता है और उसका मस्तिष्क भी ठीक से काम नहीं करता है।

यह फल एक जहरीले इंजेक्शन की तरह काम करता है। इसे खाने पर शरीर का पूरा फंग्शन प्रभावित हो जाता है। ये शरीर की रिकवर करने की क्षमता को भी छीन लेता हैं। ये बॉडी को धीरे—धीरे कमजोर कर देता है। जिसके चलते कई बार व्यक्ति मरने से पहले कोमा में भी चला जाता है।

इस पेड़ को‘सुसाइड पेड़’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके फल को खाने से व्यक्ति की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होता है। जांचकर्ताओं को इसे समझने के लिए कई टेस्ट करने होते हैं।

इस वृक्ष को पोंग-पोंग और ऑथलंगा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लगने वाले जहरीले फल का प्रयोग कई बार आत्महत्या एवं मर्डर में प्रयोग होता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फल को खाने से हर महीने करीब 5 लोगों की मौत हो जाती है। इसमें कुछ अनजाने में इसे खा लेते हैं। तो वहीं कुछ को ये खास मकसद से खिलाया जाता है।