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किसान को फायदा पहुंचाने को बदला जाएगा नियम, Deregulate होंगी कई फसलें

किसानों की आय बढ़ाने के लिए नियम बदलेगी सरकार
अपनी मर्जी से फसल बेच पाएंगे किसान
फसलों की कीमत होगी पहले से तय

May 15, 2020 / 07:17 pm

Pragati Bajpai

FARMERS INCOME

FARMERS INCOME

नई दिल्ली: आर्थिक पैकेज ( FINANCIAL STIMULOUS PACKAGE ) की तीसरी किस्त किसानों ( THIRD RELIEF INSTALLMENT ) के नाम रही। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( finance minister NIRMALA SITHARAMAN ) ने प्रेस कांफ्रेंस ( FINANCE MINISTER PRESS CONFERENCE ) में घोषणाओं के माध्यम से किसानों ( FARMERS ) से जरूरी हर मुद्दे को छूने की कोशिश की, फिर चाहे वो फसल उत्पादन हो उनका संरक्षण हो या जानवरों को होने वाली बीमारियां और डेयरी प्रोडक्शन। लोकल के लिए वोकल ( Vocal for local ) होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही सरकार किसानों की आय में किस तरह से सुधार हो इसके लिए लगातार कदम उठा रही है।

किसान को बुवाई से पहले ही हर सीजन में एक एश्योर्ड प्राइस रिटर्न की सुविधा मिले। फूड प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स आदि से इसके लिए एक एश्योरेंस व्यवस्था का कानूनी ढांचा लाया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में काम शुरू कर दिया है । इसके लिए कड़े कदम उठाने होंगे ।

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बदला जाएगा Essential Commodities Act,1955 –

जिस तरह से MSMEs की परिभाषा को बदलने से छोटे व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा उसी तरह से वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी और प्रशासनिक सुधार 1 आवश्यक जिंस एक्ट 1955 में लागू हुआ था, लेकिन आज हालात बदल चुके हैं किसान पर्याप्त मात्रा में उत्पादन करता है लेकिन इस नियम के चलते उसे अपनी फसल की अच्छी कीमत नहीं मिलती ।

अब सरकार एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट, 1955 ( Essential Commodities Act,1955 ) में संशोधन करेगी। जिसका मतलब है कि अनाज, खाद्य ऑयल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज को DEREGULATE कर दिया जाएगा यानी सरकार किसान की फसलों से कानूनी शिकंजा ढीला कर देगी । यानी अब इसकी कीमतों पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहेगा ये बाजार के हिसाब से तय होंगी। नए एक्ट के तहत किसान अपने उत्पाद को आकर्षक मूल्य पर दूसरे राज्यों में भी बेच सकेगें। अभी अंतर—राज्य व्यापार पर रोक है। किसान फिलहाल सिर्फ लाइसेंसधारी को ही फसल बेच सकता है। अगर वह किसी को भी बेच सके तो उसे मनचाही कीमत मिलेगी।

प्रोसेसर्स पर किसी तरह की स्टॉक लिमिट लागू नहीं होगी। किसी प्राकृतिक आपदा या दोबारा इस एक्ट में संशोधन के बाद ही स्टॉक लिमिट लागू होगी।

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