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Agriculture Success Story: पीढिय़ों से चमेली की खेती बन रही किसानों के लिए सौगात

agriculture success story

चेन्नईApr 29, 2024 / 03:23 pm

PURUSHOTTAM REDDY

रामनाथपुरम. चमेली को ‘सुगंध की रानी’ के तौर पर जाना जाता है। तमिलनाडु में इसकी खेती खूब होती है। रामनाथपुरम जिला निवासी सरवणन कुमार तीन पीढिय़ों से तंगचीमाडम और अक्कलमाडम में डीएसके नर्सरी से चमेली की खेती करता है और प्रति माह 50 हजार रुपए तक कमाता है। वह इसके फूल तमिलनाडु के अन्य जिलों और मलेशिया जैसे विदेशों में भी निर्यात करता है। चमेली की खेती के बारे में बताते हुए उसने कहा, हम तीन पीढिय़ों से चमेली के फूलों का उत्पादन कर रहे हैं और इस व्यवसाय को समझने के बाद अगली पीढ़ी को सौंप रहे हैं। इस साल हमने दो हेक्टेयर में पौधे उगाए हैं। चूंकि हम तीन पीढिय़ों से इस व्यवसाय में हैं, इसलिए बंधे हुए ग्राहक हैं जिनको बेचते हैं और विभिन्न स्थानों पर निर्यात भी करते हैं।

250 से 400 रुपए किलो तक कीमत

चमेली की खेती को विशेषज्ञ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल के तौर पर करार देते हैं। इस फूल का पौधा 10 से 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। इसके सदाबहार पत्ते दो से तीन इंच तक लंबे होते हैं और इसका तना पतला होता है। चमेली के फूल सफेद होते हैं और काफी खूबसूरत नजर आते हैं। एक पौधा 4 रुपए में बेचा जाता है और 100 पौधे 400 रुपए में बेचे जाते हैं। यदि कोई कम से कम 25 सेंट उगाता है, तो वह 50,000 रुपए की आय अर्जित कर सकता है। इस पौधे को जून से नवम्बर के महीने के बीच में लगाया जा सकता है। इसके फूलों की न्यूनतम कीमत 250 रुपए किलो है जबकि शादी या त्योहारों के समय ये फूल 400 रुपए किलो तक बिकते हैं।

कैसी जलवायु में होती है खेती

बारिश के मौसम में पौधे ज्यादा लगाए जाते हैं। गर्मियों में ये कम लगते हैं। इसलिए फूल कम लगने से मासिक आय सटीक रूप से निर्दिष्ट नहीं की जा सकती। इसके अलावा, गर्मियों में रखरखाव का प्रयास बहुत अधिक होता है। बहुत अधिक गर्मी से पौधे सूख जाते हैं, इसलिए पौधों को सूखने से बचाने के लिए प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होती है। पौधों को लगाने और फूलों को निर्यात करने के अलावा उनको स्थानीय स्तर पर भी बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है।

मलेशिया भी होता है निर्यात

सरवणन कुमार ने कहा कि हमने इसके फूल मलेशिया में भी निर्यात किया है। हम उनको देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले किसानों के लिए कूरियर और बस से भी भेजते हैं। एक और किसान जिसने चमेली (कुटिमुल्ला) की खेती दस सेंट से शुरू की थी अब वह चमेली के फूल का थोक व्यापारी बन गया है।

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