चमेली की खेती को विशेषज्ञ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल के तौर पर करार देते हैं। इस फूल का पौधा 10 से 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। इसके सदाबहार पत्ते दो से तीन इंच तक लंबे होते हैं और इसका तना पतला होता है। चमेली के फूल सफेद होते हैं और काफी खूबसूरत नजर आते हैं। एक पौधा 4 रुपए में बेचा जाता है और 100 पौधे 400 रुपए में बेचे जाते हैं। यदि कोई कम से कम 25 सेंट उगाता है, तो वह 50,000 रुपए की आय अर्जित कर सकता है। इस पौधे को जून से नवम्बर के महीने के बीच में लगाया जा सकता है। इसके फूलों की न्यूनतम कीमत 250 रुपए किलो है जबकि शादी या त्योहारों के समय ये फूल 400 रुपए किलो तक बिकते हैं।
बारिश के मौसम में पौधे ज्यादा लगाए जाते हैं। गर्मियों में ये कम लगते हैं। इसलिए फूल कम लगने से मासिक आय सटीक रूप से निर्दिष्ट नहीं की जा सकती। इसके अलावा, गर्मियों में रखरखाव का प्रयास बहुत अधिक होता है। बहुत अधिक गर्मी से पौधे सूख जाते हैं, इसलिए पौधों को सूखने से बचाने के लिए प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होती है। पौधों को लगाने और फूलों को निर्यात करने के अलावा उनको स्थानीय स्तर पर भी बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है।
सरवणन कुमार ने कहा कि हमने इसके फूल मलेशिया में भी निर्यात किया है। हम उनको देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले किसानों के लिए कूरियर और बस से भी भेजते हैं। एक और किसान जिसने चमेली (कुटिमुल्ला) की खेती दस सेंट से शुरू की थी अब वह चमेली के फूल का थोक व्यापारी बन गया है।