scriptNew Session: एक महीना बीत गया पर यूपी के इस शहर में 45 हजार बच्चों के पास नहीं हैं किताबें  | UP School Kids have no book, moradabad school news, new academic Session | Patrika News
शिक्षा

New Session: एक महीना बीत गया पर यूपी के इस शहर में 45 हजार बच्चों के पास नहीं हैं किताबें 

मुरादाबाद में 45 हजार विद्यार्थी बिना किताब के पढ़ रहे हैं। नए सत्र को शुरू हुए एक महीना हो गया लेकिन अब भी पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों के पास किताबें नहीं पहुंची हैं।

मुरादाबादMay 09, 2024 / 12:33 pm

Shambhavi Shivani

UP School Have No Books
यूपी के मुरादाबाद में 45 हजार विद्यार्थी बिना किताब के पढ़ रहे हैं। नए सत्र को शुरू हुए एक महीना हो गया लेकिन अब भी पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों के पास किताबें नहीं पहुंची हैं। छात्र पुरानी किताबों से पढ़ने के लिए मजबूर हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में उन्हें अभी कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। 

पहली और दूसरी कक्षा की किताबें नहीं पहुंची हैं स्कूल

मुरादाबाद जनपद में करीब 1000 परिषदीय व कंपोजिट विद्यालय हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या करीब एक लाख है। इन छात्रों को प्रशासन की ओर से मुफ्त किताबें दी जाती हैं। स्कूल में किताब भेजने के लिए एक एजेंसी को नामित किया जाता है। हालांकि, इस वर्ष परिषदीय विद्यालय कक्षा 1 और 2 की किताबें स्कूल नहीं पहुंची हैं। पहली और दूसरी कक्षा की किताबों में हुए बदलाव के कारण इसे अभी तक शासन स्तर से ही नहीं भेजा गया है। ऐसे में एजेंसी ने सिर्फ कक्षा तीन से आठ तक की किताबें ही भेजी हैं, जिसे विद्यालयों तक पहुंचाया जा रहा है। 
यह भी पढ़ें

इस केंद्र पर UPSC, बैंकिंग और SSC की मुफ्त तैयारी कर सकेंगे छात्र, जानिए कैसे


शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पूर्व ही प्रशासन की ओर से कक्षा तीन से आठवीं तक की करीब 14 लाख किताबें जनपद स्तर पर पहुंच चुकी थीं। यहां से इन किताबों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर भेज दिया गया था। हालांकि, एक हिंदी न्यूज की वेबसाइट के अनुसार, करीब तीन लाख किताबें विद्यालय तक नहीं पहुंच पाई हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इसके अलावा शेष 15 फीसदी किताबें भी एक सप्ताह में विद्यालयों तक पहुंचा दी जाएंगी। 

Hindi News/ Education News / New Session: एक महीना बीत गया पर यूपी के इस शहर में 45 हजार बच्चों के पास नहीं हैं किताबें 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो