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यूपी में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म, भाजपा के लिए साख बचाने की चुनौती, सपा-रालोद को खोने को कुछ नहीं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण के मतदान के लिए नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। दूसरे चरण के लिए उम्मीदवारों को सिर्फ पांच दिन ही नामांकन पत्र भरने के लिए मिलेंगे। द्वितीय चरण में 22 और 23 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की वजह से तीन दिन नामांकन नहीं होगा।

लखनऊJan 21, 2022 / 05:42 pm

Sanjay Kumar Srivastava

यूपी में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म, भाजपा के लिए साख बचाने की चुनौती, सपा-रालोद को खोने को कुछ नहीं

यूपी में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म, भाजपा के लिए साख बचाने की चुनौती, सपा-रालोद को खोने को कुछ नहीं

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार को खत्म हो गयी। जबकि, दूसरे चरण के मतदान के लिए नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। दूसरे चरण के लिए उम्मीदवारों को सिर्फ पांच दिन ही नामांकन पत्र भरने के लिए मिलेंगे। द्वितीय चरण में 22 और 23 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की वजह से तीन दिन नामांकन नहीं होगा। पहले चरण के लिए गुरुवार शाम तक कुल 388 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की है। नामांकन पत्र की जांच 24 जनवरी तक पूरी हो जाएगी। और 27 जनवरी नाम वापसी की अंतिम तिथि है। पहले चरण के लिए 11 जिलों की 58 सीटों पर 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।
दूसरे चरण में 14 फरवरी को पड़ेंगे वोट

यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में नौ जिलों बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बदायूं, बरेली, सहारनपुर, शाहजहांपुर की 55 सीटों के लिए 14 फरवरी को वोटिंग होगी। दूसरे चरण की अधिकतर सीटों पर मुस्लिम आबादी की बहुलता है। और जाट वोटों का भी काफी प्रभाव है।
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2017 का चुनावी गणित

चुनाव 2017 में पहले चरण की 55 सीटों में से 38 सीटें भाजपा, 15 सीटें समाजवादी पार्टी और दो सीटें कांग्रेस को मिली थीं। सपा के खाते में आईं 15 सीटों में से 10 पर पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे।
भाजपा को किसानों को साधना आसान नहीं

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर 300 पार का नारा दिया है। पर पहला चरण भाजपा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है, उन पर अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने का बड़ा दबाव है। पहले चरण में 58 सीटों आती हैं, यह सभी सीटें पश्चिम यूपी से सम्बंधित हैं। जहां तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान, भाजपा सरकार से बुरी तरह से नाराज है। इसके अलावा कैराना से एक समुदाय का कथित पलायन, गन्ना मूल्य बकाया, भगवान कृष्ण के मुद्दे वोटर के दिमाग पर छाए रहेंगे। चुनाव 2017 में पहले चरण की 58 सीटों में भाजपा ने 53 सीटें जीतीं थी। सपा तथा बहुजन समाज पार्टी को दो-दो तथा राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट ही मिली थी।
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मुस्लिमों के भरोसे सपा और रालोद

चुनाव 2022 के पहले चरण में समाजवादी पार्टी के लिए खोने को कुछ नहीं है। इस चरण में सपा को दो ही सीटें मिली थी। अब 58 सीटों में सेंधमारी करनी है। पश्चिम यूपी में किसान, जाट, मुस्लिम की हिमायत करने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकदल से सपा का गठबंधन है। राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट मिली थी। जो मुद्दे भाजपा के लिए चुनौती हैं, वहीं सपा के लिए मुनाफे का सौदा है। गठबंधन को मुस्लिम वोटों का समर्थन रहेगा। वैसे भी गठबंधन ने कई मुस्लिमों को पहले चरण में उम्मीदवार बनाया है।

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