
Success Mantra: “छोटी उम्र के बच्चों या किसी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।” ये कहना है ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम से 12वीं कक्षा में टॉप (CBSE 12th Board Topper) करने वाली निकिता कुमारी थोलिया का। मालूम हो कि सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के परिणाम जारी कर दिए हैं। लाखों छात्र जो अभी तक अपने परिणाम का इंतजार कर रहे थे, उनके चेहरे पर आज सुकून है।
जयपुर स्थित टैगोर इंटरनेशनल स्कूल (मानसरोवर) की छात्रा निकिता ने 12वीं में 99 प्रतिशत हासिल करके अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। निकिता राजस्थान के झुंझुनूं जिला से आती हैं। वे आगे चलकर सिविल सेवा (Civil Services) में अपना करियर बनाना चाहती हैं। वो अभी से ही अपने लक्ष्य को लेकर क्लियर हैं।
राजस्थान पत्रिका से बातचीत में निकिता ने कहा कि अभी वो किशोरावस्था में हैं। लेकिन उन्होंने कभी पर्सनल मोबाइल फोन रखने की चाहत नहीं जताई। 19 साल की उम्र में भी उनके पास खुद का फोन नहीं है। कोविड के समय जब उन्हें ऑनलाइन क्लासेज करने होते थे तो वे अपने माता-पिता का फोन इस्तेमाल किया करती थीं। उन्होंने सभी छात्रों को यह सलाह दी कि वे सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से दूर रहें, यही सबसे बड़ा सक्सेस मंत्र (Success Mantra) है। निकिता का मानना है कि 10वीं-12वीं कक्षा (10th-12th Students) के छात्रों को फोन केवल उनके लक्ष्य से भटकाता है।
यही नहीं निकिता ने 12वीं बोर्ड की तैयारी के लिए किसी कोचिंग की मदद नहीं ली थी। उन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर सीबीएसई 12वीं कक्षा (CBSE 12th Result 2024) में 99 प्रतिशत स्कोर किया है। निकिता ने अपनी स्ट्रैटजी शेयर करते हुए कहा कि वे रोजाना 7-8 घंटे पढ़ती थीं। डिटेल में पढ़ने के लिए वे इस दौरान ब्रेक नहीं लिया करती थीं। निकिता ने कहा, “मैंने 12वीं कक्षा के लिए किसी कोचिंग की मदद नहीं ली। सिर्फ सेल्फ स्टडी करती थी, ज्यादा से ज्यादा एनसीईआरटी की किताबें (NCERT Books) पढ़ा करती थी। स्कूल के शिक्षकों ने काफी सहयोग किया। पढ़ाई के साथ-साथ मैं अपनी सेहत का भी ध्यान रखा करती थी।"
पढ़ने के साथ ही निकिता की रूचि स्पोर्ट्स में भी है। उन्हें वॉलीबॉल खेलना पसंद है। वे अपने स्कूल में हर तरह के स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में शामिल हुआ करती थीं। साथ ही उन्हें गार्डनिंग करना और युवा संसद प्रतियोगिता में भाग लेना अच्छा लगता है। निकिता ने कहा कि 10वीं और 12वीं में फर्क होता है। 12वीं में पढ़ाई और सिलेबस का प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में वे अन्य चीजों के लिए कम ही समय निकाल पाती थी क्योंकि उनका फोकस था 12वीं बोर्ड परीक्षा में अच्छा स्कोर करना था।
Updated on:
28 Jan 2025 10:41 am
Published on:
13 May 2024 06:09 pm
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