
Competitive Exams Preparation: हर युवा चाहता है कि उसे ऐसी नौकरी मिले जिससे उसका भविष्य संवर जाए। इसके लिए वे कठिन से कठिन प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होते हैं। भारत में हर साल लाखों की संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें अगर तो हर साल यूपीएससी की परीक्षा में करीब 13 लाख छात्र शामिल होते हैं। वहीं नीट परीक्षा में करीब 25 लाख छात्र शामिल होते हैं। लेकिन जरूरी नहीं की सफलता हर किसी को मिले। कुछ को सफलता मिलती है तो कुछ के हाथ निराशा लगती है। परीक्षाओं में छोटी छोटी गलतियां भी विफलता का कारण बन जाती है। ऐसे में हम आपको बताएंगे वो कौन सी गलतियां हैं जिनसे बचना चाहिए।
एक समय में कई तरह की चीजें करने की कोशिश बेशक एक अच्छी आदत है। लेकिन एक छात्र के लिए ये काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। ये आदत आपको पीछे कर सकती है। जैसे- कई बार कैंडिडेट्स मॉडल पेपर को सॉल्व करने के साथ म्यूजिक सुनते रहते हैं। या फिर टीवी देखते हुए पेपर सॉल्व करते हैं। ऐसा करने से बचें। ये आदत एकाग्रता को खत्म करती है।
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में प्लान की अहम भूमिका है। तैयारी किस दिशा में चल रही है। यह भी समझना जरूरी है। कई बार कैंडिडेट्स बिना प्लान के सिर्फ स्टडी करते जाते हैं, लेकिन एनालिसिस नहीं करते। इस बात पर गौर करें।
कोशिश करें कि दिमाग भ्रमित न हो। प्लान कितना भी दमदार क्यों न हो, अगर दिमाग में दस तरह की बातें चल रही हों, तो सक्सेस की संभावना घटती है। ऐसे में एक छात्र के लिए बेहद जरूरी है कि वे अपने दिमाग को एकाग्र रखे।
स्टडी कर रहे हैं, तो खुद का रिव्यू भी जरूरी है ताकि आप यह समझ सकें कि आप अपनी सफलता से कितनी दूर हैं। सेल्फ रिव्यू से आप अपनी खूबियों और खामियों से रूबरू होते हैं। खामियां दूर करने की कोशिश करें।
Published on:
09 Mar 2025 12:18 pm
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