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इंग्लिश में खुद को कमजोर मानने वाले छात्र भी यदि समयबद्ध और चरणबद्ध तरीके से
इसकी तैयारी करें तो बोर्ड एग्जाम्स में अच्छे खासे मार्क्स स्कोर कर सकते हैं।
मैथ्स की तरह इसमें पूरे मार्क्स मिल जाने की गारंटी तो नहीं होती, लेकिन चैप्टर
सही से समझा हो तो उत्तर खुद लिख पाने का विकल्प मौजूद रहता है। अंग्रेजी का
ज्यादा माहौल न मिलने पर या विषय में खास रूचि न होने पर अक्सर लोग इंग्लिश के
एग्जाम से एक खास किस्म का भय रखने लगते हैं। हालांकि इस भय को हराना ज्यादा
मुश्किल नहीं है।
बोर्ड एग्जाम्स में अंग्रेजी के लंबे सिलेबस को देखकर
स्टूडेंट्स यह ही तय नहीं कर पाते कि उन्हें इस सब्जेक्ट की पढ़ाई शुरू कहां से
करनी है। यही सोचकर अक्सर वे पहले ही मान बैठते हैं कि इसमें तो बस पास ही होना है।
जबकि सच्चाई यह है कि अगर सही ढंग से सिलेबस बांटकर पढ़ा जाए तो इंग्लिश में भी
अच्छे खासे मार्क्स स्कोर किए जा सकते हैं और बोड्र्स के परसेंटेज में सुधार किया
जा सकता है।
रटे नहीं जवाब
अंग्रेजी के किसी भी जवाब को रटने न बैठें।
जिस भी पाठ की तैयारी आप शुरू करें, उसे पूरा पढ़ा होना चाहिए। ऎसा संभव नहीं है तो
कम से कम पाठ का सारांश तो देख ही लें। इससे जवाबों की बेहतर समझ
बनेगी।
पैसेज न छोड़ें
इंग्लिश के पेपर मे अनसीन पैसेज से जुड़े सवालों
में बड़े से पैराग्राफ को देखकर अक्सर स्टूडेंट्स सोचते हैं कि यह बड़ा काम है, इसे
बाद में करते हैं, पहले बाकी क्वेश्चन्स के आन्सर्ज लिख लेते हैं। ऎसा करने से बचें
और अनसीन पैसेज को प्राथमिकता दें क्योंकि इसके जवाब इसी पैसेज में छिपे हैं और सही
जवाब देने पर पूरे अंक भी मिलने तय ही होते हैं। अच्छा होगा अनसीन पैसेज को बाद के
लिए छोड़ने के बजाय शुरूआत में निपटा लें। वर्ना बाकी मुश्किल सवालों में उलझने के
बाद आपको यह बड़ा काम लगेगा।
समझ लें सार
एग्जाम्स के कुछ दिन पहले अगर
आपके पास हर उत्तर रिवाइÊा करने का समय नहीं भी बचता है तो अपने दिमाग में हर लैसन
को रिवाइज करते रहें। हर पाठ का मूल और उससे जुड़ी घटनाएं पता होंगी तो आप सवालों
के जवाब खुद बनाकर भी लिख सकते हैं। जरूरी नहीं कि जवाब किताबी भाषा में ही
हों।
लेखन का अभ्यास
राइटिंग सेक्शन में आप आसानी से स्कोर कर सक ते हैं।
इसके लिए आपके राइटिंग स्किल्स काम आते हैं। लेटर राइटिंग, एस्से राइटिंग, एड
राइटिंग जैसे सवालों मे आपको अपनी भाषा में ज्यादा से ज्यादा सौंदर्य लाना होगा।
इसके लिए आप लेखकों के कथन, मुहावरे आदि के प्रयोग से भाषा की खूबसूरती बढ़ा सकते
हैं।
Published on:
02 Mar 2015 06:32 am
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