जयपुर। सपने देखना और उन्हें पूरा करना हर कोई चाहता है, लेकिन इन सपनों में निहित अनिश्चितताओं और असुरक्षाओं के चलते अधिकतर लोग अपने सपनों क ो ही छोड़ देते हैं। कुछ लोग जहां अपने सपनों को साकार करने के लिए जी जान लगा देते हैं, वहीं विफलताओं के भय से ग्रसित लोग सिर्फ मौजूदा सपने ही नहीं, आने वाले समय में सपने देखना तक छोड़ देते हैं। किसी भी फील्ड में तरक्की के रास्ते उस समय बंद हो जाते हैं जब आपके सपने मर जाते हैं। क्योंकि तब आप अपनी क्षमताओं के अनुरूप काम नहीं तलाशते। बस जो सामने आता है, उसे कर देते हैं।