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Exclusive : विवादित ढाँचे के ध्वंस के बाद अटल जी ने बना ली थी अयोध्या से दूरी

ये सवाल अनसुलझा रहस्य है कि सन 1992 के बाद आखिर अटल जी ने अयोध्या की तरफ आखिर मुड़कर क्यूँ नहीं देखा

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Atal bihari vajpayee autobiography and ayodhya Relation

Exclusive : विवादित ढाँचे के ध्वंस के बाद अटल जी ने बना ली थी अयोध्या से दूरी

अनूप कुमार

फैजाबाद : देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न और भारतीय जनता पार्टी के सिरमौर रहे अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया | उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पूरा देश उमड़ पड़ा है और अपने अपने तरीके से हर कोई उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है | देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी तमाम कहानियां ऐसी भी है जो एक अनसुलझे रहस्य की तरह आज भी बरकरार है | एक ऐसा ही सवाल अयोध्या से जुड़ा हुआ भी है जिसका जवाब आज तक नहीं मिल पाया | 80 के दशक तक कभी जनसंघ के नेता के रूप में कभी संघ के प्रचारक के रुप में अयोध्या आने वाले और हनुमानगढ़ी में दर्शन करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के मन में ऐसा क्या आया कि सन 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे के डांस के बाद उन्होंने अयोध्या से दूरी बना ली | दो बार ऐसे मौके आए जब अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या आ सकते थे | लेकिन दोनों मौके में दो बार अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या आए पर उन्होंने अयोध्या की 5 कोस की परिधि में प्रवेश नहीं किया |

ये सवाल अनसुलझा रहस्य है कि सन 1992 के बाद आखिर अटल जी ने अयोध्या की तरफ आखिर मुड़कर क्यूँ नहीं देखा

अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार सरयू रेल पुल का उद्घाटन करने अयोध्या आने की जगह अयोध्या से 6 किलोमीटर दूर गोंडा के कटरा रेलवे स्टेशन पर अयोध्या को पूर्वोत्तर रेलवे से जुड़ने वाले रेल पुल का उद्घाटन किया और चले गए | खुलकर कभी भी अटल बिहारी वाजपेई ने कुछ नहीं कहा लेकिन जानकार बताते हैं कि अयोध्या में विवादित ढांचे के ध्वंस के बाद जो हालात बने उसे लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तनाव में रहे और अयोध्या में जो कुछ हुआ उस विवाद से खुद को दूर करते हुए अपनी छवि एक स्वच्छ राजनेता की बनाए रखने को लेकर अटल बिहारी वाजपेई ने इस विवादित मुद्दे से न सिर्फ खुद को अलग रखा बल्कि अपने पूरे जीवनकाल में 90 के दशक के बाद कभी भी अयोध्या की परिधि में प्रवेश नहीं किया | साल 2003 में जब राम मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष परमहंस रामचंद्र दास का निधन हुआ तो उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई अयोध्या पहुंचे | लेकिन उस दौरे में भी फैज़ाबाद एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई शहर के बाहरी रास्ते से सरयू तट के किनारे पहुंचे और वहां पर परमहंस रामचंद्र दास को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद वापस दिल्ली के लिए उड़ गए | हालांकि उस दिन भी अपने भाषण में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर जरुर बनेगा लेकिन अटल जी चले गए और आज तक मंदिर नहीं बना अब देखना यह है अटल जी का यह सपना धरातल पर कब उतरता है ....