पद्मश्री रामली इब्राहिम के कुशल निर्देशन में बैले, रामायण, ओड़िसी नृत्य एवं गजाम जिले की प्रचलित लोक नृत्य शैलियों की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों का मनमोह लिया इस भव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्त ने कहा कि भारत की गौरवशाली परम्परा को विकसित करना ही हमारा परम ध्येय है. प्रदेश के तीन स्थानों लखनऊ, गोरखपुर एवं फैजाबाद में आयोजित पद्मश्री रामली इब्राहिम के कार्यक्रमों का आयोजन यह सिद्घ करता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए काफी गंभीर है. अवध विवि के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि भारत में लोक-कलाओं को बहुत सम्मान दृष्टि से देखा जाता है .अन्तरराष्ट्रीय पटल पर यह हमारी सामाजिक समृद्घि का द्योतक है.उन्होंने कहा कि लोक-कलाएं सामाजिक व्यवस्था को आपस में जोड़ती है. कुलपति प्रो. दीक्षित ने ओड़िशा दिवस पर चर्चा करते हुए बताया कि इसका शुभारम्भ एक अप्रैल 1936 से प्रारम्भ हुआ. इसी दिन ओड़िशा को स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित किया गया और एक अप्रैल को ओड़िशा दिवस के रूप में मनाया जाता है .उन्होंने बताया कि पद्मश्री रामली मलेशिया में रहते हुए लगभग 40 वषों से लगातार भारतीय लोक-कलाओं के संवाहक बने हुए हैं. उनके द्वारा ओड़िसी शास्त्रीय शैली, गोटी पुट की लोक शैली का भी व्यापक संचालन कर रहे है .