विद्वान पंडितों के अनुसार 24 अगस्त बुधवार की रात 10.13 बजे से अष्टमी तिथि का आगमन हो रहा है। इस वजह से तिथि काल मानने वाले बुधवार को भी जन्मोत्सव मनाएंगे, लेकिन गुरुवार उदयाकाल की तिथि में व्रत जन्मोत्सव मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
पंडितों के अनुसार ऐसा शुभ संयोग बनने से इस बार की जन्माष्टमी खास बन गई है। इस दिन किए गए दान-पुण्य आदि कर्मों का विशेष फल प्राप्त होगा तथा सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।