दरअसल, गाजियाबाद की भीमनगर कॉलोनी निवासी दो भाई वीरपाल व शिवचरण का शुक्रवार को पड़ोसी से विवाद हो गया था। इस विवाद में दोनों भाई के सिर में गंभीर चोट लग गई। वे उपचार के लिए एमएमजी हाॅस्पिटल पहुंचे, लेकिन इमरजेंसी के डॉक्टर ने खुद उपचार करने के बजाय कंपाउंडर से पट्टी बंधवाकर भेज दिया। अस्पताल से बाहर आते ही शिवचरण के सिर से खून बहने लगा और वह वहीं जमीन पर गिर गया। इसकी जानकारी मिलते ही प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग तुरंत हाॅस्पिटल पहुंचे तो पीड़ित बेहोश पड़ा था। उसे देखते ही राज्यमंत्री बिफर गए और तुरंत इमरजेंसी में पहुंचे। उन्हें बताया गया कि डॉक्टर के ऑपरेशन थियेटर में हैं। इसके बाद वह ऑपरेशन थियेटर की विंग में पहुंचे। जहां ऑपरेशन थिएटर से निकले डॉक्टर से बात की तो डाॅक्टर ने घायल के बारे में जानकारी होने से ही इनकार कर दिया।
यह सुनते ही राज्यमंत्री ने नाराजगी जताई। इस पर डॉक्टर ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि आप मुझे हटा तो सकते हो, लेकिन नए डॉक्टर कहां से लाओगे। डाॅक्टर ने कहा कि यहां पहले ही कोई नहीं आता है। डाॅक्टरों की कमी चल रही है। इसके बाद मौके पर मौजूद सीएमओ व सीएमएस ने जैसे-तैसे डॉक्टर को चुप कराया। बताया जा रहा है कि उक्त डॉक्टर रिटायर होने के बाद कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य कर रहा है। इस मामले को लेकर अब राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने सीएमओ और सीएमएस के सामने व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए सुधार के निर्देश दिए हैं।