उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के लोनी इलाके में विकसित की जा रही आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के तहत अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर आधा दर्जन गांव के किसान पिछले काफी समय से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों से कई दौर की वार्ता होने के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया है। किसान सरकार को चेताने के लिए कई बार धरना स्थल पर अनेकों तरह की गतिविधि कर चुके हैं। अब किसानों ने धरना स्थल के पास खेत में गड्ढे खोदे हैं और 14 सितंबर का समय निर्धारित किया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 14 सितंबर तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अब वह खोदे गए गड्ढों में 15 सितंबर को जिंदा समाधि लेने को मजबूर होंगे और इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी होंगे।
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वरुण गांधी के किसान प्रेम के क्या हैं मायने, जयंत क्या बढ़ा पाएंगे रालोद की ताकत, पढ़ें ये खबर किसान नेता नीरज त्यागी ने बताया कि आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के लिए लोनी इलाके में जमीन अधिग्रहित की गई थी। लेकिन, उन्हें एक समान और उचित मुआवजा नहीं मिला है, जिसके कारण यहां के किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसान अपनी इस मांग को लेकर कई सालों से धरने पर बैठे हैं। उसके बावजूद भी किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। अब मजबूर होकर किसान जिंदा समाधि लेने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। किसानों के द्वारा लगातार मांग करने के बाद भी इस तरफ किसी अधिकारी या बड़े नेता का ध्यान नहीं गया है। आंदोलनकारियों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को इस समस्या का समाधान कराए जाने के लिए 14 सितंबर का समय दिया है। यदि 14 सितंबर तक इनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 15 सितंबर को यहां के किसान जिंदा समाधि ले लेंगे।