कुल 4 विकासखंड हैं जनपद में जिलाधिकारी (Ghaziabad DM) ने यह तरीका इसलिए अपनाया है क्याेंकि जनपद में कुल 4 विकासखंड हैं। इनके अंतर्गत 161 गांव आते हैं। यहां केवल 58 सचिव तैनात हैं। इस कारण सभी सचिवों में ज्यादा से ज्यादा गांव लिए जाने की होड़ लगी रहती है। तबादले के लिए तमाम सिफारिशें भी आती थीं। इसको लेकर अधिकारी भी दबाव में रहते थे। इस बार जैसे ही तबादले की सूची डीएम के पास पहुंची तो उन्होंने फाइल को रोक लिया। इसके बाद समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि कुछ सचिव के पास 10-10 ग्राम पंचायतें हैं। जबकि कुछ के पास 8-8 हैं। वहीं, कुछ सचिव केवल 1-1 ग्राम पंचायत ही देख रहे थे।
डीएम ने निकाला यह तरीका इसमें यह भी पाया गया कि जिनके पास ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं, वे काफी दूर हैं। इससे इनको सभी ग्राम पंचायतों का काम संभालने में बेहद मुश्किल आती है। इसके बाद डीएम अजय शंकर पांडे ने एक क्लस्टर तैयार करवाया, जिसमें एक सचिव के पास दो से तीन ग्राम पंचायतों को रखा गया। साथ ही यह भी देखा गया कि एक गांव की दूरी न्यूनतम हो। फिर सभी सचिवों को कैम्प कार्यालय पर बुलाया गया।
लॉटरी सिस्टम से किया ट्रांसफर वहां पर डीएम ने सभी को लॉटरी सिस्टम से ट्रांसफर करने की जानकारी दी। फिर पर्ची तैयार कराई गईं और सभी ग्राम सचिवों से इनको उठवाया गया। जिसने जो पर्ची उठाई, उसको उसी क्लस्टर के अंदर भेज दिया गया। इस दौरान डीएम ने सभी को कहा कि ग्राम सचिवों द्वारा अब नए क्लस्टर में ठीक से काम किया जाए। किसी तरह की कोई लापरवाही बरती गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम अजय शंकर पांडे ने कहा कि यदि इस तरह से ही तबादले किए जाएं तो निश्चित तौर पर पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहेगी।
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