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गाज़ियाबाद

बच्‍चों व बड़ों को इस वजह से हो रहे हैं दाने, ऐसे करें बचाव

दाने-फुंशी से परेशान रोजाना करीब 8 से 10 बच्‍चे आ रहे हैा डॉक्‍टर के क्‍लीनिक में

गाज़ियाबादJan 14, 2019 / 03:49 pm

sharad asthana

Ghaziabad

बच्‍चों व बड़ों को इस वजह से हो रहे हैं दाने, ऐसे करें बचाव

गाजियाबाद। आजकल बच्‍चों और बड़ों में दानों और फुंसी की काफी समस्‍या आ रही है। स्किन से संबंधित समस्‍या से कई लोग परेशान हैं। जनपद के होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर के अनुसार, उनके यहां अाजकल सबसे ज्‍यादा मरीज स्किन से संबंधित बीमारियों के आते हैं। दाने-फुंशी से परेशान रोजाना करीब 8 से 10 बच्‍चे उनके यहां आते हैं। इतना ही एक मुस्लिम फैमिली ने तो अपने बच्‍चे को उनके यहां ही छोड़ दिया था, जो आज ठीक होने के बाद वहीं पर काम कर रहा है।
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ये है वजह

गाजियाबाद के मालीवाड़ा चौक स्थित सर्वांग होम्‍यो भवन के डॉक्‍टर डॉ. शिव गुप्‍ता ने बताया कि उनके यहां रोजाना कई मरीज स्किन से संबंधित बीमारियों के आते हैं। इनमें 8 से 10 तो बच्‍चे होते हैं। ज्‍यादातर बच्‍चे दाने व फुंशी से रहते हैं। उन्‍होंने बताया कि बच्‍चों में यह समस्‍या तेजी से बढ़ रही है। इसके पीेइे उन्‍होंने डाइट को बड़ी वजह बताया। उनका कहना है कि आजकल बच्‍चे फास्‍ट फूड की तरफ ज्‍यादा भागते हैं। बर्गर, पिज्‍जा, चॉकलेट, कुरकुरे, चिप्‍स और चाउमीन के कारण भी यह समस्‍या होती है। बच्‍चे घर का खाना पसंद नहीं करते हैं। इसके कारण इचिंग यानी खुजली समेत दानों की समस्‍या हो सकती है। इसके अलावा अगर बच्‍चे या बड़ों को दानों या फुंशी की शिकायत है तो उनको मीठा या चॉकलेट से दूर रखना चाहिए। इससे यह समस्‍या बढ़ती है।
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मोबाइल भी है वजह

डॉक्‍टर डॉ. शिव गुप्‍ता का कहना है क‍ि मोबाइल भी इस समस्‍या की एक वजह है। मोबाइल कई जगह रखते हैं, जिससे उसमें कई कीटाड़ु आ जाते हैं। फिर बच्‍चे भी मोबाइल के प्रति एडिक्‍ट हो रहे हैं। इसको छूने से वे भी स्किन से संबंधिम बीमारियों के शिकार होते हैं। इसके कारण बड़ों में भी स्किन पर स्‍पॉट जैसी समस्‍याएं सामने आ रही हैं।
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आईजीई टेस्‍ट

उनका कहना है क‍ि इस तरह की बीमारी में वह एक टेस्‍ट कराते हैं, जिसमें आईजीई का लेवल देखा जाता है। इसमें अगर लेवल 100 से ज्‍यादा है तो खुजली संबंधित समस्‍या शुरू हो जाती है। किसी मरीज में तो यह 2500 तक पहुंच रहा है, जो कि बहुत खतरनाक है। उनके यहां बसंत सिनेमा के पास स्थित एक मुस्लिम परिवार आया था। उनके बच्‍चे का आईजीएल लेवल 2500 था। उसके पूरे शरीर पर दाने थे। उनके इलाज से अब वह ठीक है और उनके यहां ही काम कर रहा है।
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ऐसे करें बचाव

ऐसी बीमारियों के खात्‍मे के लिए बच्‍चे और बड़ों की डाइट पर ध्‍यान देने की जरूरत है। अगर बच्‍चा नहीं मानता है तो उसको 15 दिन में फास्‍ट फूड दें। उसे घर का खाना खिलाने की कोशिश करें। चिप्‍स, कुरकुरे और चॉकलेट से भी दूर रखने की कोशिश किजिए। अगर डाइट सहीं रहेगी तो इससे छुटकारा मिल सकता है। उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों को मोबाइल से भी दूर रखना चाहिए।

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