scriptडेढ़ सौ साल पुरानी इमारत भर-भराकर गिरने से मची भगदड़, 2 बच्चों को गंभीर हालत में मलबे से निकाला, राहत कार्य जारी | Hundreds and fifty years old building collapsed in Ghaziabad | Patrika News
गाज़ियाबाद

डेढ़ सौ साल पुरानी इमारत भर-भराकर गिरने से मची भगदड़, 2 बच्चों को गंभीर हालत में मलबे से निकाला, राहत कार्य जारी

गाजियाबाद स्थित दिल्ली गेट इलाके में डेढ़ सौ साल पुरानी जर्जर इमारत का एक हिस्सा गिरने से मची भगदड़

गाज़ियाबादDec 02, 2018 / 12:39 pm

lokesh verma

Ghaziabad

डेढ़ सौ साल पुरानी इमारत भर-भराकर गिरने से मची भगदड़, 2 बच्चों को गंभीर हालत में मलबे से निकाला, राहत कार्य जारी

गाजियाबाद. शहर कोतवाली इलाके में दिल्ली गेट के पास रविवार की सुबह अचानक उस वक्त भगदड़ मच गई। जब लोगों ने एक मकान के छज्जे के गिरने की खबर सुनी। खबर सुनते ही लोग मौके पर दौड़े और आनन-फानन में राहत और बचाव का कार्य शुरू किया गया। साथ ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया। सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे दो बच्चों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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मामला गाजियाबाद में कोतवाली थाना क्षेत्र में दिल्ली गेट इलाके का है। जहां रविवार सुबह 2 मंजिला जर्जर मकान का बड़ा हिस्सा गिर गया। बताया जा रहा है कि दो मंजिला मकान जर्जर हो चुका था। मकान मालिक ने बताया कि करीब डेढ़ सौ साल पुराना यह मकान था, जिस का हिस्सा अचानक ही रविवार की सुबह भरभरा कर नीचे गिर गया। अच्छी बात यह थी कि जिस समय यह हादसा हुआ घर में ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे। हालांकि दो बच्चे घर के बरामदे में मौजूद थे, जिनके ऊपर भरभराकर सारा मलबा गिरा। बच्चे बुरी तरह से घायल हो गए हैं। जिन्हें जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया और दोनों को ही अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं घर में खड़ी हुई स्कूटी भी मलबे में दब गई। इसके अलावा बाकी का सामान भी मलबे में दब गया है। राहत कार्य करने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची है।
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यहां बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब गाजियाबाद में बहुत सी ऐसी इमारत हैं, जो 100 साल से भी ज्यादा पुरानी हो गई हैं तो प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस तरफ कोई ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। जिनके कारण शहर में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समच ना तो बारिश थी ना ही तूफान आया ना ही किसी तरह का भूकंप आया था।
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